रांची से विवेक चंद्र की रिपोर्ट, Valentin Day Special: 14 फरवरी यानी वेलेंटाइन डे। इश्क का क़तरा- क़तरा समेट प्यार की रूमानी दरिया में एक दूजे पर फना हो जाने का दिन। वह मौका जब आप लम्हा लम्हा प्यार में डूब अपने प्रेमी को आई लव यू कह प्यार का इजहार करते हों। दिल से दिल तक इश्क को महफूज रखने के रंगीन कसमें -वादे सजाते हो।
इश्क होता ही ऐसा है। जो जिंदगी को जन्नत बक्स दे। हर लम्हे को खुशगवार बना दें। इश्क की दिवानगी बुरी नहीं पर एक बार सावधान होकर यह चेक जरूर कर लें कि कहीं आपका इश्क भी ‘डेंजर लव ‘तो नहीं। कहीं आप जिस इश्क में डूबे हैं वह इतना खतरनाक तो नहीं की आपकी हंसती मुस्कुराती जिंदगी छीन लें। इन दिनों झारखंड में डेंजर लव काफी तेजी से फ़ैल रहा है।
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केस नंबर 1
13 फरवरी 2023 को रांची के हिंद पीढ़ी मुहल्ले में रहने वाली शबनम (बदला हुआ नाम) की लाश फांसी के फंदे से लटकी मिली। यह वाक्या उस दिन का है जब दुनिया अपने प्यार को गले लगाने में डूबी थी। शबनम ने मौत को गले लगा लिया। वजह यह कि वैलेंटाइन वीक में किसी बात को लेकर फोन पर उसका अपने प्रेमी से विवाद हुआ और उसके प्रेमी ने उसे मर जाने को कह डाला। अपने प्रेमी की बात से शबनम इतनी आहत हुई की ठीक वैलेंटाइन डे से एक दिन पहले फांसी के फंदे पर झूल अपनी जिंदगी खत्म कर डाली।
केस नंबर 2
झारखंड के साहिबगंज की रूबिका पहाड़िन की हत्या 16 दिसंबर 2022 को कर दी गई। लाश कई टुकड़ों में मिली। रूबिया ने हाल ही में प्रेम विवाह किया था। आरोप उसके पति दिलदार और परिवार वालों पर है। पुलिस के मुताबिक कटर से उसके शव के टुकड़े किए गए और फिर उसे यहां वहां फेंक दिया गया।
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केस नंबर 3
दुमका की अंकिता को उसके कथित प्रेमी ने 23 अगस्त 2022 को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। इस घटना को देर रात तब अंजाम दिया गया जब अंकिता अपने कमरे में सो रही थी। खबर आई कि आरोपी अंकिता से एकतरफा प्यार करता था। बाद में दोनों के साथ की कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई।
केस नंबर 4
झारखंड के इन मामलों के अलावा पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने झकझोर दिया। मुंबई के आफताब पूनावाला ने दिल्ली में अपनी लिव इन पार्टनर की गला घोंटकर हत्या कर दी फिर उसकी लाश को 35 टुकड़ों में बांटकर अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई है।
आखिर यह कैसी आशिकी जिसमें अपने ही आशिक के लिए मौत बांटने की बैचैनी हो! आखिर यह कैसा प्यार है!
इंटरटेनमेंट बना लव
रांची के वरिष्ठ पत्रकार नवीन कुमार मिश्र कहते हैं कि इन दिनों का प्यार, प्यार न रह कर मनोरंजन ज्यादा हो गया है। एक से अधिक गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड रखना युवाओं में स्टेटस सिंबल की तरह है। इंटरनेट की व्यापक दुनिया ने प्यार का रूप रंग काफी बदल दिया है। अब यह टाइम पास जैसी अवधारणाओं के साथ पल बढ़ रहा है। इसके साथ ही हमारे अंदर का टोलरेंस लेबल काफी कम हुआ है। हम छोटी-छोटी बातों पर ही हिंसक होते जा रहे हैं। वे आगे कहते हैं कि सोशल मीडिया की चमकदार दीवारों से पनपा प्रेम शुरूआत में तो काफी सुनहरा लगता है पर जल्द ही दोनों एक दुसरे से उबने लगते हैं और फिर इनकी प्रेम कथा एक कलंक कथा बन जाती है।
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इस कारण बोझिल हो जाते हैं रिश्ते
रांची के वरिष्ठ साइकोलॉजिस्ट डॉ अशोक प्रसाद कहते हैं कि ‘डेंजर इश्क ‘की पटकथा रिश्तों के बोझ बनने के साथ शुरू होती है। आज के दौर में प्रेमी-प्रेमिकाओं की एक दूसरे से उपेक्षाएं काफी ज्यादा होती है। जब यह फुलफिल नहीं होती तो रिश्ते बोझिल होने लगते हैं और फिर इस बोझ से मुक्ति की चाहत हिंसा को जन्म देती है। डॉ अशोक आगे कहते हैं कि अब सब कुछ फास्ट हो गया है प्रपोज से लेकर लव और फिजिकल रिलेशन तक। यह इतना फ़ास्ट है कि प्रेमी जोड़े एक दूसरे को गहराई तक समझने का वक्त भी नहीं देते । इसकी परिणति आगे चलकर ‘खतरनाक प्यार’ या फिर ‘डेंजर इश्क ‘के रूप में होती है। कम उम्र के बच्चों को अभिभावक की और से मिली खुली छूट और बाजारवाद में फैशन बना प्यार भी इसके कारण है।
इसका मतलब यह नहीं की आप इश्क़ को बाय -बाय कह दें। बस इश्क के समंदर में गोते लगाने से पहले यह पड़ताल कर लें कि यह इश्क़ डेंजर वाला लव तो नहीं है न।
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