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Shivaji Statue Controversy: 6 फीट की मूर्ति 35 फीट कैसे हो गई? मंजूरी भी नहीं मिली थी!

Shivaji Statue Controversy Latest News Update: छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद सियासी खेमों में भी हड़कंप मच गया है। हालांकि सिंधुदुर्ग में यह घटना कैसे घटी? आर्ट डायरेक्टोरेट ने इस पर चुप्पी तोड़ी है।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Aug 30, 2024 13:39
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Shivaji Statue collapse Controversy

Shivaji Statue Controversy: महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने से लोग काफी नाराज है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 महीने पहले इस 35 फीट की मूर्ति का उद्घाटन किया था। मगर एक साल के भीतर मूर्ति गिरने की वजह से विपक्ष भी हमलावर हो गया है। कई विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। इसे लेकर सबका एक ही सवाल है कि मूर्ति आखिर कैसे गिरी? महाराष्ट्र के आर्ट डायरेक्टोरेट राजीव मिश्रा ने इस पर चुप्पी तोड़ी है।

6 फीट की प्रतिमा को मिली थी मंजूरी

राजीव मिश्रा का कहना है कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी की 6 फीट ऊंची प्रतिमा को मंजूरी दी थी। सिंधुदुर्ग में स्थापित की जाने वाली इस मूर्ति को चिकनी मिट्टी से बनाया जाना था। आर्ट डायरेक्टोरेट में मूर्ति का यही मॉडल दिया गया था, जिसे हमने हरी झंडी दिखाई थी। हालांकि बाद में ना सिर्फ मूर्ति का साइज 6 फीट से 35 फीट तक बढ़ा दिया गया बल्कि मूल्ति में स्टील की प्लेट्स का भी इस्तेमाल किया गया। आर्ट डायरेक्टोरेट को इससे जुड़ी कोई भी जानकारी नहीं दी गई थी।

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2.44 के लागत से बनी थी मूर्ति

सिंधुदुर्ग में सोमवार को छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा टूटकर बिखर गई। इसे बनाने के लिए महाराष्ट्र PWD ने भारतीय नौसेना को 2.44 करोड़ रुपये दिए थे। मूर्तिकार और कंसल्टेंट हायर करने का काम नौसेना का था। राजीव मिश्रा के अनुसार आर्ट डायरेक्टोरेट ने चिकनी मिट्टी से बनने वाली 6 फीट ऊंची प्रतिमा को मंजूरी दी थी। उसके बाद मूर्ति की ऊंचाई और मूर्ति बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की जांच करने की जिम्मेदारी नौसेना की थी। 20 अगस्त 2024 को PWD ने छत्रपति शिवाजी की मूर्ति में लगे नट-बोल्ट में जंग लगने जानकारी नौसेना को दी थी। मगर इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।

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नौसेना को ठहराया दोषी

राजीव मिश्रा का कहना है कि मंजूरी के समय चिकनी मिट्टी की मूर्ति बनाने का दावा किया गया था। मगर मूर्ति में स्टील की प्लेटों का इस्तेमाल हुआ। मंजूरी देने के बाद मानको पर खरा उतरने का काम नौसेना का था क्योंकि मूर्तिकार और कंसल्टेंट को काम पर नौसेना ने ही रखा था। हालांकि इस घटना से हमें सबक मिला है। आज के बाद प्रतिमा का काम पूरा होने के बाद ही अप्रूवल दिया जाएगा।

मूर्ती पर मचा बवाल

मूर्ति पर मचा सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी साल के अंत में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सभी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर राजनीति साधने में जुटी हैं। इस पर काबू पाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने माफी मांगी है। सीएम शिंदे का कहना है कि वो 100 बार शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पैर छूने और माफी मांगने को तैयार हैं। वो पूजनीय हैं और उन्हें राजनीति से दूर रखना चाहिए।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Aug 30, 2024 01:39 PM

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