Camborne Parents Slam School for Punishing Kids: बच्चों को होमवर्क न करने या किसी और गलती पर स्कूल में सजा मिलती तो देखी होगी, लेकिन एक स्कूल ने तो हद ही पार कर दी। इंग्लैंड के कॉर्नवॉल में कैंबोर्न साइंस एंड इंटरनेशनल एकेडमी ने कुछ ऐसा किया, जिसके बाद उसे चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। पेरेंट्स का कहना है कि उनके बच्चों को बाथरूम ब्रेक के लिए पूछने, लू के दौरान ब्लेजर हटाने और पेंसिल केस भूल जाने के लिए दंडित किया जा रहा है। स्कूल में कथित तौर पर नियम तोड़ने के लिए एक दिन में लगभग 100 छात्रों पर एक्शन लेने के बाद अभिभावकों ने ये आलोचना की है। कॉर्नवॉल में कैंबोर्न साइंस एंड इंटरनेशनल एकेडमी की इस कठोर हिरासत को ‘रिफ्लेक्शन टाइम’ के रूप में भी जाना जाता है।
जम्हाई लेने के लिए सजा दी गई
कुछ माता-पिता का आरोप है कि उनके बच्चों को पर्याप्त ध्यान न देने या डेस्क पर हाथ रखने के कारण सस्पेंड कर दिया गया। एक अन्य ने दावा किया कि उनके बच्चे को जम्हाई लेने के लिए सजा दी गई। वहीं जेम्मा ट्रेसिडर का दावा है कि उनके बेटे ने स्कूल में अपने पहले सप्ताह के दौरान केवल आधा दिन ही पढ़ाई में बिताया। उसने कहा कि सेशन के दूसरे दिन क्लास में दो मिनट देर से आने के कारण उसे बाहर भेज दिया गया। स्थिति तब बिगड़ गई जब वह बाथरूम ब्रेक के कारण अपनी ‘रिफ्लेक्शन एक्टिवटी’ को पूरा नहीं कर पाया। ऐसे में उसे सस्पेंड कर दिया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके बेटे के एक शिक्षक ने स्वीकार किया कि पिछले सप्ताह सिर्फ एक दिन में 30 से अधिक छात्रों को निलंबित कर दिया गया था।
साढ़े तीन घंटे तक वॉशरूम यूज करने की इजाजत नहीं दी गई
कॉर्नवाल लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, माता-पिता लॉरा और जूलियन वार्ड ने नियमों के कारण अपने बेटे को स्कूल से निकाल लिया है। वार्ड का दावा है कि उनके बेटे को साढ़े तीन घंटे तक वॉशरूम यूज करने या लंच करने की इजाजत नहीं दी गई। उसने कहा कि उनके बेटे को खूब परेशान किया गया। इस सख्ती को लेकर 1,400 से अधिक छात्रों ने फेसबुक ग्रुप बना लिया है। जो स्कूल और नियमों में बदलाव का आह्वान कर रहे हैं। कई छात्रों ने अपने पिछले अनुभवों के बारे में भी बात की है। उन्होंने दावा किया है कि सख्त नियमों ने उनके जीवन को दयनीय बना दिया है।
मामूली कारणों से ‘रिफ्लेक्शन’ के लिए भेजा गया
माता-पिता ताशा फेयरी ने कहा कि उनके दोनों बच्चों को कार्यकाल की शुरुआत के बाद से मामूली कारणों से ‘रिफ्लेक्शन’ के लिए भेजा गया। ताशा ने कहा- “यह उसके लिए बहुत भयानक परिवर्तन रहा है।” “उन्हें इस तरह की चीजों के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए। उन्हें सकारात्मक तरीके से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।”
स्कूल के प्रवक्ता ने दिया ये बयान
वहीं इस मामले में स्कूल के एक प्रवक्ता ने कहा- “एक अकादमी के रूप में हम एक सीखने के माहौल को बढ़ावा देने की कोशिश करते हैं। हमारे अधिकांश छात्र शुरुआत से ही उच्च मानकों को अपनाते हैं। शैक्षणिक वर्ष में हमें कुछ छात्रों को मौजूदा नियमों की याद दिलानी पड़ी। एकमात्र नया नियम एक पारदर्शी पेंसिल केस को लेकर बनाया गया है। हालांकि व्यक्तिगत परिस्थितियों पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।”