जयपुर से केजे श्रीवत्सन् की रिपोर्टः ओपीएस स्कीम, 500 रुपए में सिलेंडर, 1 करोड़ 36 लाख महिलाओं को 3 साल के इंटरनेट के साथ फ्री स्मार्ट फोन और 25 लाख रुपए की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं से बीजेपी घबरा गई है। ऐसे में उसने राजस्थान का रण जीतने के लिए कांग्रेस के ‘कर्नाटक फाॅर्मूले’ के आधार पर सत्ता में वापसी की रणनीति तैयार की है।
पिछले 3 दिनों में ईडी में गहलोत सरकार के खिलाफ 2 करप्शन की शिकायतें और लगातार आ रहे बीजेपी नेताओं के बयान इसका संकेत भी देने लगे हैं। वहीं सरकार का कहना है की बीजेपी केवल आरोप लगाना जानती है, लेकिन सबूत उसके पास नहीं है।
कांग्रेस के पक्ष में बने माहौल से चिंतित है बीजेपी
प्रदेश में एक और सीएम अशोक गहलोत ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली, 500 रूपये में गैस सिलेंडर, फ्री स्मार्ट फ़ोन देने जैसी योजनाओं का जोर शोर से प्रचार करके महंगाई से राहत देने का वादा कर रहे हैं। तो दूसरी ओर बीजेपी में इन्हें लेकर अब खलबली नजर आने लगी है, क्योंकि खुद सीएम गहलोत सप्ताह में 5 दिन अलग-अलग जिलों में जाकर इन योजनाओं को प्रभावशाली तरीके से लागू करने में जुटे हैं।
बीजेपी नेता समझने लगे हैं कि प्रदेश में चल रही डायरेक्ट बेनिफिट और राहत देने वाली मुफ्त वाली सरकारी योजनाओं से कांग्रेस के पक्ष में बन रहे माहौल का असर कम करने में सरकार की नाकामिया ही कारगर साबित होगी।
कांग्रेस के कर्नाटक फाॅर्मूले को अमलीजामा पहनाने में जुटी बीजेपी
ऐसे में बीजेपी ने अब सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस की उसी रणनीति को अपनाना शुरू कर दिया। जिसके आधार पर उसे कर्नाटक में हार का मुंह का देखना पड़ा था। कर्नाटक में कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था। वहां 40 प्रतिशत कमीशन का नारा देकर कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया।
ऐसे में अब राजस्थान में बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव करके बिजली उत्पादन के लिए कोयला खरीद में गड़बड़ी, आईटी के ठेकों में भ्रष्टाचार और पेयजल प्रोजेक्ट्स में धांधली के मुद्दों पर कांग्रेस सरकार को घेर रही है। बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं की कांग्रेस जिन योजनाओं के भरोसे सरकार रिपीट करने के दावे कर रही है, असल में वे चुनावी छलावे के सिवा कुछ नहीं है।
बीजेपी के सारे आरोप बेबुनियाद
अपनी इस बदली हुई रणनीति के तहत राजस्थान बीजेपी की ओर से उसके राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा पिछले 3 दिनों में 2 बार ईडी दफ्तर में जाकर दस्ताजेवों के साथ शिकायत दर्ज करा चुके हैं। इसके अलावा राजस्थान बीजेपी के नेता भी आजकल मोदी सरकार की 9 साल की उपलब्धियों की बजाय गहलोत सरकार के ख़राब कानून और व्यवस्था और करप्शन की ही बात करते नज़र आ रहे हैं। बीजेपी की इस बदली रणनीति पर सरकार के मंत्री महेश जोशी का कहना है की बीजेपी वाले केवल झूठ आरोप लगाकर माहौल बनाना जानते हैंए उसके पास आरोपों से जुड़े कोई सबूत नहीं है।
एंटी इंकम्बेंसी का माहौल बनाने में जुटी बीजेपी
आरोप प्रत्यारोपों के बीच बहरहाल सबकी नजरें अब 13 तारीख को करप्शन को लेकर बीजेपी द्वारा किए जाने वाले सचिवालय के घेराव और ईडी को मिली शिकायतों पर होने वाली कारवाई पर टिकी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा की कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार और आमजन से जुड़े मुद्दों को ज्यादा से ज्यादा उठाने की बीजेपी की यह रणनीति आने वाले दिनों में कितनी कारगर साबित होगी। भले ही ज्यादातर विधायकों के खिलाफ उनके क्षेत्रों में जनता की नाराजगी है लेकिन सरकार के खिलाफ फिलहाल कोई बड़ा मुद्दा नहीं है जिसे बीजेपी को फायदा मिल सके।