Rashbhari Benefits, लाइफस्टाइल डैस्क: गर्मी का सीजन है। खेतों में खरपतवार के तौर पर उगने वाले छोटे-छोटे और गोल-गोल नारंगी रंग के फल बहुतायत में देखने को मिल सकते हैं। नाम है केप गूसबेरी। कोई इसे रसभरी कहता है तो किसी इलाके में मकोय और पश्चिमी उत्तर प्रदेश या हरियाणा में इसे बम भोले कहा जाता है। खट्ठे-मीठे स्वाद वाले इस अनोखे फल के जितने फायदे हैं, उतने ही लाभ इसकी पत्तियों के भी हैं। एंटी ऑक्सीडैंट्स, विटामिन-ए और सी, पॉलीफेनॉएल आदि से भरपूर इस फल को आप नाश्ते में इस्तेमाल करें या डैजर्ट के तौर पर, लेकिन इसके सेवन की आदत डाल लेनी चाहिए। तो आइए जानें इस अनोखे फल के अद्वितीय फायदों के बारे में…
केप गूसबेरी यानि रसभरी का पौधा आम तौर पर उष्ण भौगोलिक स्थिति वाले देशों जैसे भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका वगैरह में पाया जाता है। पहले तो यह सिर्फ कुदरती तौर पर उगने वाले एक खरपतवार से बढ़कर कुछ नहीं था, लेकिन जैसे-जैसे आयुर्वेद की तरफ लोगों का रुझान होने लगा-इसके फायदे सामने आने लगे, इसे इसकी खेती का भी ट्रैंड बन गया।
डाइजैशन सिस्टम को मजबूत करती है रसभरी, वजन भी नहीं बढ़ने देगी
रसभरी में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है और इसकी वजह से यह उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जो किसी न किसी वजह से कब्ज की समस्या से दो-चार हो रहे हैं। रसभरी डाइजैशन सिस्टम को मजबूत करती है। फैट्स और कैलोरी की मात्रा काफी कम होने के चलते रसभरी वजन घटाने में भी खासी मददगार है। इसे ब्रेकफास्ट में शामिल करके आप अपनी वेट लॉस जर्नी को आसान बना सकते हैं। इसे सलाद या सब्जी में मिक्स करके इस्तेमाल किया जा सकता है।
आंखों की समस्याओं, खासकर मोतियाबिंद से बचाने में भी है कारगर
रसभरी या मकोय में विटामिन-ए, विटामिन-सी और आयरन भी खूब होते हैं। ये तीनों न सिर्फ आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं, बल्कि इम्यूनिटी सिस्टम पर भी अच्छा असर डालते हैं। बड़ी बात है कि दिनभर कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फोन में घुसे रहने की वजह से बड़ी समस्या बन चुके मोतियाबिंद से इस फल के सेवन से बचा जा सकता है।
उच्च रक्तचाप (BP High) को भी करती है कंट्रोल
आकार में छोटे से इस फल मकोय की एक और बड़ी बात यह भी है कि इसमें हैपॉलीफेनोल्स और कैरोटीनॉयड जैसे फाइटो कैमिकल्स होते हैं, जो उच्च रक्तचाप (BP High) के लैवल को कंट्रोल करते हैं। इतना ही नहीं, मकोय में घुलनशील पैक्टिन फाइबर पाया जाता है, जो बैड कोलैस्ट्रॉल को कम करता है और दिल संबंधी रोग भी आदमी को नहीं घेर सकते।
हड्डियों को मिलेगी मजबूती, सर्दी-जुकाम भी पकड़ेगा
मकोय में कैल्शियम और फॉस्फोरस भी खूब होते हैं। पैक्टिन कैल्शियम और फास्फोरस को एब्जोर्ब करने में हैल्प करता है और इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। सोचकर देखिए कि बिना सरिये की बिल्डिंग आखिर कितने दिन टिक पाती है। इसके अलावा एंटी ऑक्सिडैंट गुण आपको सर्दी और जुकाम जैसी परेशानियों से बचा सकता है। खांसी को भी रोकने में यह खासी कारगर है। ऐसे में हमें मकोय जहां भी नजर आए, तुरंत तोड़कर इसे हजम कर जाने की आदत डाल लेनी चाहिए।