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Cancer Treatment: फंगस करेगा कैंसर का इलाज! नई रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Cancer Treatment: कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। इसका इलाज मुमकिन है लेकिन मुश्किल भी है। हाल ही में अमेरिकन साइंटिस्टों ने एक नई स्टडी की है, जो यह बताती है कि कैंसर के इलाज में फंगस भी सफल है। आइए जानते हैं इस रिसर्च के बारे में।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jun 26, 2025 13:40

Cancer Treatment: हाल ही में कैंसर पर हुई एक रिसर्च बताती है कि एक खतरनाक फंगस भी कैंसर के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। कैंसर जो एक जानलेवा और गंभीर बीमारी है। इसका इलाज मुमकिन तो हैं मगर हर किसी के लिए सफल हो, ऐसा होना सभी मरीजों के लिए मुमकिन नहीं है। कई बार पूरा ट्रीटमेंट और थेरेपी के बाद भी कैंसर से मौत हो जाती है। कुछ मामलों में कैंसर रिवर्स भी हो जाता है। अब अमेरिकी वैज्ञानिको ने जहरीली फफूंद को कैंसर के सेल्स को मारने में सक्षम पाया है। आइए जानते हैं इस बारे में।

क्या कहती है रिसर्च?

अमेरिका के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक नई स्टडी कर इस बात का दावा किया है कि खेतों में पाया जाने वाला जहरीला फंगस एस्परगिलस फ्लेवस में एक खास रसायन होता है। इस रसायन को निकालकर ही कैंसर के सेल्स को मारने वाली दवा बनाई जाती है। इस दवा को FDA अप्रूव दवा माना गया है, जो भविष्य में कैंसर के इलाज में सफल साबित हो सकती है।

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क्यों खास है रिसर्च?

इस स्टडी को अमेरिका के पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है। उन्होंने फंगस से एक नए तरह का यौगिक कण निकाला है, जिसे एस्परजिसिन नाम दिया है। इस यौगिक को ल्यूकेमिया यानी ब्लड कैंसर की सेल्स पर टेस्ट किया गया है, जिसका रिजल्ट काफी असरदार साबित हुआ है।

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खास प्रक्रिया से बनी दवा

बता दें कि फंगस को कभी भी इलाज के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इस मामले में वैज्ञानिकों को भी पहले इस बात का पता नहीं था कि फंगस में भी रिप्स जैसे पेप्टाइड्स मौजूद होते हैं। टेस्टिंग की नई तकनीकों से पता चला कि फंगस के इन यौगिकों को बना सकता है, जो कैंसर के खिलाफ असरदार होते हैं। स्टडी के दौरान शोधकर्ताओं ने 12 तरह की फंगस की प्रजातियों की जांच की थी। इसमें ए. फ्लेक्स फंगस सबसे असरदार निकली, जो कैंसर ट्रीटमेंट में काम आएगी।

कैसे काम करती है दवा?

यह कंपाउंड सिर्फ कैंसर सेल्स पर असर करता है। मगर शोध में यह भी पाया गया कि इसका ब्रेस्ट, लीवर या लंग्स के कैंसर में कुछ ज्यादा असरदार नहीं होगा। हालांकि, भविष्य के लिए इस फंगस को अब सिर्फ ल्यूकेमिया के लिए ही अलग-अलग पहलुओं की मदद से जांच कर इलाज के लिए तैयार किया जा सकेगा। साथ ही, इस रिसर्च की मदद से यह भी पता चला है कि फंगस की मदद से दवा भी बन सकती है, यानी भविष्य में और भी तरह की फंगस पर रिसर्च की जा सकती है।

क्या है आगे का प्लान?

रिसर्च टीम बताती हैं कि यदि सब कुछ ठीक रहा, तो भविष्य में इंसानों पर इसके क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी भी मिल सकती है। फिलहाल, पशुओं पर टेस्टिंग की मंजूरी प्राप्त की जा रही है। दोनों मॉड्यूल्स पर भी बारीकी से जांच होगी और फिर उसे पूरी तरह सफल माना जाएगा। प्रोफेसर शेरी गाओ, जो रिसर्च टीम में प्रमुख थे बताते हैं कि प्रकृति ने हमें पेनिसिलिन जैसी एंटीबायोटिक दिए थे, इस रिसर्च से साफ होता है कि कैंसर के इलाज में नई उम्मीदें जड़ी-बूटियों से भी जाग सकती है।

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First published on: Jun 26, 2025 01:29 PM

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