नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय (MEA) ने शनिवार को आईटी कुशल युवाओं को निशाना बनाने वाले फर्जी जॉब रैकेट को लेकर एडवाइजरी जारी की। MEA ने भारतीय नागरिकों को एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय रैकेट के प्रति सचेत किया है जो केवल अवैध रूप से खतरे से बेपरवाह उम्मीदवारों को म्यांमार भेजने और उन्हें कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए बंदी बनाकर रखते हैं।
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संदिग्ध आईटी फर्मों द्वारा 100 से अधिक श्रमिकों को म्यांमार ले जाने का मामला सामने आया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में कहा कि थाईलैंड और म्यांमार में देश के मिशनों ने ‘थाईलैंड में ‘डिजिटल बिक्री और विपणन अधिकारियों’ के पदों के लिए भारतीय युवाओं को लुभाने के लिए आकर्षक नौकरियों की पेशकश करने वाले नकली नौकरी रैकेट के उदाहरणों का पता लगाया।’ बताया गया कि ये रैकेट कॉल-सेंटर घोटाले और क्रिप्टो-मुद्रा धोखाधड़ी में शामिल संदिग्ध आईटी फर्मों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘लक्षित समूह आईटी कुशल युवा हैं, जिन्हें सोशल मीडिया विज्ञापनों के साथ-साथ दुबई और भारत स्थित एजेंटों द्वारा थाईलैंड में आकर्षक डेटा प्रविष्टि नौकरियों के नाम पर ठगा जाता है। पीड़ितों को कथित तौर पर सीमा पार अवैध रूप से ज्यादातर म्यांमार में ले जाया जाता है और कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए बंदी बना लिया जाता है।’
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थाईलैंड और म्यांमार में भारतीय दूतावास पहले ही घोटाले के बारे में सलाह जारी कर चुके हैं और भारतीय पक्ष ने दोनों देशों के साथ इस मामले को उठाया है। म्यांमार और थाईलैंड में दूतावास 50 से 60 और भारतीयों के संपर्क में हैं जिन्होंने मदद मांगी है।
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