Domestic Violence Case, आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में बीते दिन शनिवार को एक बड़ा ही भावुक मंजर देखने को मिला। यहां कलेक्टर ऑफिस में एक ठेले पर चारपाई और चारपाई पर एक युवती को लेटे हुए देख लोग आश्चर्य में पड़ गए, लेकिन कुछ ही देर में उसके लाचार बाप के आंसुओं ने सारी कहानी कह डाली। वही अपनी इस लाचार बेटी को इतर लिटाकर यहां लेकर आया था। अब शायद यह बताने की जरूरत नहीं कि मामला घरेलू हिंसा का है, फिर भी इस मामले को जरा विस्तार से जानना हम सबके लिए बेहद जरूरी है। ऐसे हालात किसी की भी बहन-बेटी के साथ भी बन सकते हैं। जानें, क्या है पूरा प्रकरण…
डौकी थाने के अधिकारक्षेत्र में आते नाई की मंडी स्थित डेरा सरस के रहने वाले भगवान दास ने बताया कि 8 साल पहले उन्होंने अपनी दो बेटियों सुशीला व सुनीता की पास के गांव हंसपुरा निवासी महेश और राहुल के साथ की थी। 2 सवाल पहले बड़ी बेटी सुशीला के पति महेश की दिल का दौरा पड़ जाने से मौत हो चुकी है, वहीं सुनीता के साथ उसके ससुराल वालों का बर्ताव ठीक नहीं है। हाल ही में 21 जुलाई को इस बात की शिकायत पुलिस से की गई तो घर लौटने के बाद उसे गर्भवती हालत होने के बावजूद उसके ससुराल वालों ने छत से फेंक दिया। इससे उसकी टांग टूट गई।
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भगवान दास की मानें तो पता चलने के बाद वह बेटी को घायल हालत में घर ले आए और उसे अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि वह अभी भी चलने-फिरने में सक्षम नहीं है। वह (भगवान दास) खुद बुजुर्ग हैं। कमाई का कोई साधन नहीं होने के कारण बेटी के इलाज और परिवार के भरण-पोषण में उसे खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर इस मामले में पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। कमिश्नर कार्यालय में गुहार लगाए जाने के बाद पुलिस ने सुनीता के पति राहुल को छोड़कर बाकी किसी को गिरफ्तार नहीं किया।
अब इस मामले में पीड़ित भगवान दास की शिकायत के आधार पर पुलिस ने नए सिरे से कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बारे में डीसीपी सूरज राय ने बताया कि डौकी पुलिस को मामले की गंभीरता से जांच के बाद आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लेने संबंधी निर्देश जारी किए जा चुके हैं।