Ramprasad Suicide Case: जयपुर में रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले में दिया जा रहा धरना शनिवार को स्थगित हो गया। सरकार के प्रतिनिधियों और सांसद किरोड़ी लाल मीणा के बीच 8 सूत्रीय समझौता हुआ। जिसके बाद मृतक के परिजनों ने पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है।
पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं का मिला था समर्थन
समझौते के बाद बीजेपी से राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि सरकार ने इस पूरे मामले पर कार्रवाई के लिए 15 दिन का वक्त मांगा है। इसके अलावा मृतक के बेटे को सरकारी नौकरी और डेयरी बूथ का आवंटन भी किया जाएगा। इसको लेकर आज हमने यह धरना समाप्त करने का फैसला किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस समयावधि में हमारी मांगें पूरी नहीं होती है तो फिर से आंदोलन किया जाएगा। वहीं सोमवार तक मैं पीड़ित परिवार को अपने स्तर से 50 लाख की मदद दूंगा। बता दें कि 6 दिनों तक चले इस धरने में विपक्ष के कई बड़े नेता शामिल हुए थे। इसके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी धरना स्थल पर पहुंचे थे।
इन 8 मांगों पर बनी सहमति
1.50 लाख रुपए पीड़ित परिवार को समाज की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी।
2.रामप्रसाद की पत्नी के नाम डेयरी बूथ का आवंटन होगा।
3.रामप्रसाद के पुत्र को नगर निगम में संविदा पर नौकरी मिलेगी।
4.नगर निगम के अधिकारी नीरज तिवाड़ी का निलंबन होगा। इसके साथ ही बाकी अधिकारियों के खिलाफ भी जांच होगी।
5.रामप्रसाद ने आत्महत्या से पहले जिनका नाम लिया। उनमें से पाँच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शेष दोषी लोगों पर भी जल्द से जल्द कार्रवाई होगी।
6.पीड़ित परिवार के मकान बनाने की व्यवस्था की जाएगी।
7.गिरधारी जी के मंदिर में आम जनता को दर्शन की व्यवस्था की जाएगी।
8.300 साल पुराने गिरधारी मंदिर के हेरिटेज स्वरूप से नगर निगम अवैध निर्माण तोड़कर व्यावसायिक गतिविधि को हटाएगा।
क्या है मामला
मृतक रामप्रसाद मीणा चांदी की टकसाल के पास रहता था। टकसाल से 200 मीटर की दूरी पर ही उसकी जमीन है। विवाद इसी जमीन को लेकर चल रहा था। मृतक इस जमीन पर अपना मकान बनाना चाहता था। लेकिन मृतक का आरोप था कि उसके इस काम में कई रसूखदार लोग अडंगा डाल रहे थे। इस सबसे परेशान होकर चांदी की टकसाल क्षेत्र में स्थित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के ऑफिस में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।