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NASA ने बनाया सांप जैसा रोबोट, जरूरत पड़ने पर बदल सकेगा खुद की बॉडी और शेप

अमरीकी स्पेस एजेंसी NASA की लैब में एक नए रोबोट का परीक्षण किया जा रहा है। यह रोबोट अपने आप में बहुत अनोखा और पहला है। यह बिना किसी ह्यूमैन कंट्रोल के अपने आप ही दुर्गम जगहों पर जा सकता है और परीक्षण कर सकता है। इस रोबोट को जटिल स्थानों के अध्ययन के लिए […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Aug 8, 2023 17:25
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Image Credit: robotics.jpl.nasa.gov

अमरीकी स्पेस एजेंसी NASA की लैब में एक नए रोबोट का परीक्षण किया जा रहा है। यह रोबोट अपने आप में बहुत अनोखा और पहला है। यह बिना किसी ह्यूमैन कंट्रोल के अपने आप ही दुर्गम जगहों पर जा सकता है और परीक्षण कर सकता है। इस रोबोट को जटिल स्थानों के अध्ययन के लिए तैयार किया जा रहा है। पूरी तरह से तैयार होने पर इसे चन्द्रमा एवं अन्य सौर मंडल के अन्य ग्रहों पर भी अध्ययन के लिए भेजा जाएगा।

जरूरत पड़ने पर बदल सकेगा खुद का आकार

नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी की एक टीम अगम्य स्थानों तक पहुंचने के लिए सांप जैसा एक रोबोट डिजाईन कर रही है। इस रोबोट को EELS नाम दिया गया है। आपको बता दें कि EELS की फुल फॉर्म Exobiology Extant Life Surveyor है। इसे इस तरह तैयार किया जा रहा है कि यह जरूरत पड़ने पर खुद की शेप भी बदल सकें। हालांकि इस प्रोजेक्ट पर अभी काम चल रहा है, लेकिन अभी भी नतीजे उत्साहवर्धक हैं।

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खुद चुन सकेगा रास्ता

NASA के इस रोबोट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह खुद अपने लिए रास्ता चुन सकता है और उन सभी जगहों पर जा सकता है जहां मानव एवं दूसरे रोबोट्स का जाना संभव नहीं है। इसके जरिए लहरदार रेत, बर्फीली सतह, खड़ी चट्टानें, अंडरग्राउंड लावा ट्यूब्स और ग्लेशियरों के अंदर की भूल-भुलैया वाली गुफाओं में जा सकता है। नासा ने नए रोबोट का एक वीडियो भी अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया है।

EELS रोबोट के प्रोटोटाइप पर पहली बार वर्ष 2019 में प्रोजेक्ट टीम ने काम शुरू किया। तभी से इस पर लगातार काम जारी है। वर्तमान में इसके जिस मॉडल पर काम किया जा रहा है, उसकी लंबाई 13 फीट (4 मीटर) है और इसका कुल वजन करीब 220 पाउंड (100 किलोग्राम) है। इस रोबोट को कुल दस समान हिस्सों में डिजाईन किया गया है। ये हिस्से प्रणोदन, कर्षण और पकड़ के लिए स्क्रू थ्रेड्स का उपयोग करते हुए घूमते हैं।

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कैसे काम करेगा NASA का EELS रोबोट

नासा के इस रोबोट में चार जोड़ी स्टीरियो कैमरे तथा लिडार का प्रयोग किया गया है। उनका उपयोग करके यह अपने आसपास के हिस्से का एक 3D मैप बनाता है। उस मैप को समझकर यह नेविगेशन एल्गोरिद्म का प्रयोग करते हुए आगे बढ़ता है। इसमें कई छोटी मोटरें लगी हैं जिन्हें चलाने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर डवलप किया गया है। इसकी सहायता से यह किसी भी प्रकार की सतह पर बड़ी आसानी से चल सकता है और डेटा कलेक्ट कर सकता है।

First published on: Aug 08, 2023 05:14 PM

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