Indian Army Artillery (पवन मिश्रा): इंडियन आर्मी में आज तक का सबसे बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जो दुश्मनों की जड़ें तक हिलाकर रख देगा। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले कई महीनों से युद्ध जारी है। इसी बीच कुछ रक्षा मामलों के जानकर ने तीसरे वर्ल्ड वार की भी आशंका जताई थी। हमारे देश पर चीन और पाकिस्तान लगातार माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में रूस-यूक्रेन वार और पाकिस्तान को हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना ने बड़ा फैसला लिया है, पढ़ें न्यूज 24 की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट…
यह भी पढ़ें: उम्र 15 साल, 4 फीट 3 इंच के बाल, UP के इस लड़के ने आज तक नहीं कटवाए, बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
2040 तक तोपों की क्षमता बढ़ाने का टारगेट
दरअसल, भारतीय सेना के तोपख़ाने में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। बदलाव करने की योजना भी बना ली गई है। रक्षा मंत्रालय ने साल 2040 तक सेना की सभी तोपों को 155 कैलिबर का करने की योजना बनाई है। यह जानकारी सेना के एक बड़े अधिकारी ने न्यूज 24 के सवाल का जवाब देते हुए दी। सवाल किया गया कि आखिर ज्यादा कैलिबर का क्या मतलब है और आर्टलरी में इस पर सबसे ज्यादा फोकस क्यों किया जाता है तो जवाब में अधिकारी ने कई अहम जानकारियां दीं।
यह भी पढ़ें: अगर मैं मर जाऊं तो प्लीज हमारी बेटी का ख्याल रखना…अनंतनाग में शहीद DSP के आखिरी शब्द
K-9 वज्र तोपों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी
अधिकारी ने बताया कि फिलहाल सेना के पास 105MM से लेकर 130MM की तोप है, जिसे अब 155MM कर दिया जाएगा, यानी अब यह और ज्यादा घातक होगी। दुश्मन पर सटीक प्रहार करने में भी सक्षम होगी। अनंतनाग में आतंकियों के तरफ से जिस तरह से फायरिंग की गई, उससे सबक लेते हुए सेना ने माउंटेन गन और सेल्फ प्रोपलेड सिस्टम गन की तादाद भी बढ़ाने की योजना बनाई है। K-9 वज्र तोपों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी। इन तोपों की संख्या अब करीब 100 होगी।
यह भी पढ़ें: PM Modi Birthday: अभेद्य किला है पीएम मोदी के काफिले की यह गाड़ी, james bond की कार की तरह है फीचर्स
अगले 2 साल में और धनुष तोपें आएंगी
सेना के अधिकारी ने बताया कि सेल्फ प्रोपलेड सिस्टम होने से तोप को एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाने के लिए दूसरी गाड़ी की जरूरत नहीं होती है। यह खुद ही एक जगह से दूसरे जगह जा सकती है। भारतीय सेना के बेड़े में शामिल धनुष तोप की मारक क्वालिटी ऐसी है कि दुश्मन को संभलने तक का मौका नही मिलेग। बंजर जमीन हो, पथरीला रास्ता हो, दलदली इलाका हो, की भी जाकर यह दुश्मन पर अटैक कर सकती है। 2026 तक सेना को 114 धनुष तोप मिलने जा रही हैं।
सैन्य अधिकारी के अनुसार, इस तोप को 6 रेजिमेंट में बांट दिया जाएगा। धनुष की एक और खासियत है कि यह ऑटोमेटिक टारगेट के जरिए एक साथ एक टारगेट पर 6 अलग-अलग जगहों से फायर कर सकती है।
Edited By