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असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान; बोले- 2023 के अंत तक राज्य से AFSPA को हटाने का लक्ष्य तय

AFSPA Act: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को घोषणा की है कि उनकी सरकार साल 2023 के अंत तक राज्य से विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, (AFSPA) को पूरी तरह से वापस लेने का लक्ष्य लेकर चल रही है। सीएम सरमा ने ट्वीट किया कि हम अपने पुलिस बल को प्रशिक्षित करने […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Feb 27, 2024 20:49
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AFSPA Act: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को घोषणा की है कि उनकी सरकार साल 2023 के अंत तक राज्य से विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, (AFSPA) को पूरी तरह से वापस लेने का लक्ष्य लेकर चल रही है। सीएम सरमा ने ट्वीट किया कि हम अपने पुलिस बल को प्रशिक्षित करने के लिए पूर्व सैन्य कर्मियों को भी शामिल करेंगे।

उन्होंने 22 मई यानी सोमवार को आयोजित कमांडेंट सम्मेलन के दौरान यह घोषणा की है। उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि नवंबर तक पूरे राज्य से अफस्पा हटा लिया जाएगा। यह असम पुलिस बटालियनों की ओर से सीएपीएफ के प्रतिस्थापन की सुविधा प्रदान करेगा। हालांकि, कानून द्वारा आवश्यक सीएपीएफ की उपस्थिति मौजूद रहेगी।

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आठ जिलों तक सीमित है AFSPA

उन्होंने कहा कि अशांत क्षेत्रों की अधिसूचना पिछले साल पूरे असम राज्य से केंद्र द्वारा हटा दी गई थी। यह अभी भी नौ जिलों और एक अन्य जिले के एक उप-मंडल में लागू थी। हालांकि, 1 अप्रैल 2023 से अधिसूचना को राज्य के एक और जिले से हटा लिया गया था, जिसके बाद AFSPA असम के केवल आठ जिलों तक सीमित था।

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AFSPA में सैन्य बलों के पास होती हैं ये शक्तियां

AFSPA सशस्त्र बलों के लिए विशेष शक्तियों का प्रावधान करता है जो धारा 3 के तहत “अशांत” घोषित होने के बाद केंद्र या किसी राज्य के राज्यपाल द्वारा लगाई जा सकती है। अधिनियम इन्हें उन क्षेत्रों के रूप में परिभाषित करता है जो परेशान या खतरनाक स्थिति है कि नागरिक शक्ति की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है। याफिर कह सकते हैं कि AFSPA का उपयोग उन क्षेत्रों में किया गया है जहां उग्रवाद प्रचलित है।

बिना वाटंर गिरफ्तारी या तलाशी का भी अधिकार

इस कठोर और खतरनाक अधिनियम में सशस्त्र बलों के पास व्यापक अधिकारी होते हैं। इसके तहत कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बलों को सभी अधिकारी होते हैं, जहां तक कि उनकी हत्या का भी अधिकारी बलों के पास होता है। इस अधिनियम के तहत उन्हें उचित संदेह के आधार पर बिना वारंट किसी भी व्यक्तियों को गिरफ्तार करने और उसके घर या परिसर की तलाशी लेने की शक्ति देता है।

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(Phentermine)

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Naresh Chaudhary

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rahul solanki

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Manish Shukla

First published on: May 22, 2023 09:04 PM

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