Breast Cancer Awareness Month: अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस का महीने माना जाता है। इस महीने में लोगों के बीच ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाई जाती है। आज दुनिया ही नहीं भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह जानकारी का अभाव है। महिलाओं को तो कई बार पता ही नहीं होता है कि वो ब्रेस्ट कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार हो चुकी हैं।
40 साल से बढ़ती उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावनाएं तेजी से बढ़ जाती हैं। लेकिन अगर आप समय रहते ही इसके लक्षणों को पहचान लेते हैं तो उचित उपचार की मदद से आप इस खतरनाक बीमारी से खुद को बचा सकते हैं। इसलिए आज हम आपको ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और इससे बचने के तरीके बताने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं-
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ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
- ब्रेड या अंडर आर्म्स में गाठ होना
- ब्रेड में सूजन या मोटा दिखाई देना
- ब्रेस्ट की त्वचा में जलन या डिम्पलिंग महसूस होना
- निप्पल पर रेड धब्बे नजर आना
- स्तन की स्किन का परतदार बनना
- निप्पल में दर्द या खिंचाव महसूस होना
- स्तन से खून या डिस्चार्ज होना
- ब्रेस्ट के साइज में बदलाव आना
- स्तन में दर्द महसूस होना
ब्रेस्ट कैंसर से कैसे बचें
सावधान रहें 40 की उम्र के बाद
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक औरतों को 40 की उम्र के बाद अलर्ट रहने की आवश्यकता होती है। इस उम्र में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना कई गुना होती है। ऐसे में आपको 1-2 साल में मैमोग्राफी जांच करवानी चाहिए।
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फैमिली हिस्ट्री की जानकारी रखें
ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए आपको अपने फैमिली की हेल्थ हिस्ट्री की जानकारी होना आवश्यक है। अगर आपकी मां, बहन, चाची, बुआ या दूसरे खास रिश्तेदार में से किसी को भी ब्रेस्ट कैंसर नहीं हुआ है। इससे डॉक्टर आपकी ब्रेस्ट कैंसर वंशाणु (BRCA gene) की जांच करते हैं अगर इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो आपको ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा हो सकता है।
ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन करें
डॉक्टर ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए सेल्फ एग्जामिनेशन की सलाह देते हैं। इसमें आपको नियमित तौर पर अपने हाथों से स्तन को छूकर और दबाकर देखना होता है। अगर कहीं दर्द, गांठ या कुछ अलग लगे तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श करें। अगर आपको कुछ भी समझ नहीं आ रहा है तो आप गायनेकोलॉजिस्ट की मदद लें।
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