World Autism Awareness Day 2023: हर साल 2 अप्रैल को पूरी दुनिया में वर्ल्ड ऑटिज्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day) मनाया जाता है।
ऑटिज्म एक दिमागी बीमारी होती है, जो अधिकतर बच्चों में होती है। साथ ही इसके लक्षण भी जल्दी सामने नहीं आते हैं। इस बीमारी के होने पर बच्चा अपनी ही धुम में रहता है। एक प्रकार से दिमाग के विकास के दौरान होने वाला विकार है। साथ ही तीन साल की उम्र के बाद ही इसके लक्षणों का पता चलता है।
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इस दिन से हुई थी शुरूआत
बता दें कि यूनाइटेड नेशंस जर्नल असेंबली ने 1 नवंबर 2007 को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाने का संकल्प पास किया था। इसे सभा ने 18 दिसंबर 2007 को अपनाया था। बताते चलें कि वर्ल्ड ऑटिज्म जागरूकता दिवस यूनाइडेट नेशन्स द्वारा निर्धारित सात आधिकारिक स्वास्थ्य विशेष दिनों में से एक है, जिन्हें हर साल मनाया जाता है।
ये हैं ऑटिज्म के कारण
1. रिट सिंड्रोम
ये एक स्थिति होती है, जिसमें किसी को भी बौद्धिक हानि, धीमा सिर विकास और हाथ हानि का कारण बन सकती है। साथ ही ये बच्चों में ज्यादातर देखने को मिलती है।
2. जेनेटिक्स भी है मुख्य कारण
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्ड वाले बच्चों को प्रभावित करने की अधिक संभावना है, जैसे नाजुक एक्स सिंड्रोम, डाउन सिंड्रोम, और रिट्ट सिंड्रोम। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम रोग के उद्भव में कई जीन योगदान कर सकते हैं।
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3. अन्य आनुवंशिक
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर का खतरा अन्य आनुवंशिक कारण विभिन्न वंशानुगत कारकों के कारण बच्चों में भी अधिक होता है। साथ ही जिनमें जीन म्यूटेशन या आनुवंशिक परिवर्तन शामिल हो सकते हैं, जबकि कुछ आनुवंशिक परिवर्तन वंशानुगत प्रतीत होते हैं अन्य परिवर्तन बेतरतीब ढंग से होते हैं। इसलिए ऐसे बच्चों में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्ड का पता भी जल्दी नहीं लग पाता है और वो इसके शिकार होते रहते हैं।
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