Acidity Ke Gharelu Upay: एसिडिटी एक मेडिकल कंडीशन है जो पेट में एसिड के ज्यादा प्रोडक्शन के कारण होती है. एसिडिटी को एसिड रिफ्लक्स भी कहते हैं. इसमें पेट मे एसिड्स बढ़ जाते हैं जिससे जलन होने लगती है और यह गैस उठकर गले तक आने लगती है जिससे सीने में जलन भी महसूस होती है. ऐसे में एसिडिटी हो जाने पर आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) के बताए नुस्खे आजमाकर देखे जा सकते हैं. आचार्य बालकृष्ण ने बताया है कि धनिया के दानों का किस तरह से सेवन करने पर एसिडिटी दूर होती है और पेट को आराम मिल जाता है. आचार्य का कहना है कि इस नुस्खे से पेट की दिक्कतें नहीं होती हैं.
एसिडिटी के घरेलू उपाय
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि एक ऐसा चूर्ण है जिसे खाने पर एसिडिटी से छुटकारा मिल जाता है. यह चूर्ण है धनिया (Dhaniya) और मिश्री का पाउडर. धनिया के दानों (Coriander Seeds) को पीसकर इसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर खाने से एसिडिटी से तेजी से राहत मिलती है. इसके लिए आपको धनिया का पाउडर लेना है और उसमें दोगुना मात्रा में मिश्री मिलानी है. इसे पाउडर करके रख लें. एक चम्मच सुबह-शाम खाने पर एसिडिटी, पेट में जलन, गले में जलन और खट्टी डकार आने की परेशानी से राहत मिल जाती है.
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धनिया और मिश्री के अलावा आपको कुछ और खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पेट में जब भी गड़बड़ी महसूस हो इस पाउडर का सेवन किया जा सकता है. जिन लोगों को कब्ज की समस्या होती है उन्हें अक्सर एसिडिटी हो जाती है. इस स्थिति में कब्ज की दिक्कत हो तो त्रिफला जूस और इसबगोल की भूसी खाई जा सकती है. इसके अलावा आंवला और एलोवेरा जूस (Aloe Vera Juice) पीने पर एसिडिटी में राहत मिलती है. इससे पेट भी ठीक रहेगा, गैस्ट्रिक दिक्कतें भी ठीक होंगी और कभी एसिडिटी नहीं होगी.
एसिडिटी होने के क्या लक्षण हैं
हार्टबर्न – एसिडिटी होने पर हार्टबर्न होने लगता है. इसका दिल से कोई संबंध नहीं है बल्कि एसिडिटी में एसिडिक गैस गले तक उठने लगती हैं जिनसे सीने में जलन महसूस होने लगती है.
अपच होना – एसिडिटी होने पर अपच भी हो सकती है. इसमें ऐसा महसूस होता है जैसे खाना ठीक तरह से नहीं पचा है और पेट में घूम रहा है.
मुंह का स्वाद बदलना – एसिडिटी के कारण मुंह का स्वाद बिगड़ने लगता है. इसमें मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है. ऐसा लगता है जैसे एसिड गैस और जो खाना नहीं पचा है वो मुंह तक आने लगा है. मुंह कसैला हो जाता है.
गले में दर्द – एसिडिटी होने पर गले में इरिटेशन महसूस होती है. इससे गले में दर्द भी हो सकता है और आवाज बदली हुई नजर आती है.
पेट दर्द – जब पेट में एसिडिटी होती है तो यह पेट के दर्द का कारण भी बन सकती है. इससे पेट फूला हुआ सा भी महसूस होता है.
निगलने में दिक्कत होती है – एसिडिटी का एक लक्षण (Acidity Symptoms) यह भी है कि व्यक्ति को कुछ भी निगलने में परेशानी हो सकती है. ऐसा खाद्य नली तक एसिडिक गैस आने से होता है.
एसिडिटी होने के क्या कारण होते हैं
- खानपान की गड़बड़ियां एसिडिटी की वजह (Acidity Causes) बनती हैं. बहुत ज्यादा तीखा खाने पर, तला हुआ या ऑयली खाने पर, बहुत ज्यादा चाय या कॉफी पीने से, नमक के ज्यादा सेवन से या फिर एकसाथ बहुत ज्यादा खा लने पर एसिडिटी हो सकती है.
- खाने में फाइबर की कमी होने पर भी एसिडिटी हो सकती है. खाने की थाली में अगर पोषक तत्वों की कमी होती है और बाहर की चीजें ज्यादा होती हैं तो इससे भी एसिडिटी हो सकती है.
- अगर व्यक्ति फिजिकल एक्सरसाइज नहीं करता है तो एसिडिटी हो जाती है. फिजिकल एक्टिविटी की कमी पेट की अलग-अलग दिक्कतों (Stomach Problems) की वजह बनती है.
- अगर बहुत ज्यादा धूम्रपान किया जाए, एल्कोहल या सोडा और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन किया जाए तो इससे भी एसिडिटी हो सकती है.
- नींद की कमी, एक्सेसिव स्ट्रेस, एंजाइटी, डिप्रेशन और जरूरत से ज्यादा पेनकिलर्स और एंटीबायोटिक्स लिए जाएं तो एसिडिटी होती है.
एसिडिटी किन लोगों को ज्यादा होती है
- अस्थमा, डायबिटीज, कनेक्टिव टिशू डिसोर्डर्स या मोटापे से परेशान लोगों को एसिडिटी होने का खतरा ज्यादा होता है.
- प्रेग्नेंसी में भी अक्सर ही एसिडिटी हो जाती है.
- जो लोग लंबे समय तक मलत्याग नहीं करते हैं उन्हें एसिडिटी हो सकती है.
- हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरैपी ले रही महिलाओं को आयदिन एसिडिटी हो सकती है.
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