Exercises For Healthy Lungs: बदलता मौसम बीमारियां भी साथ लेकर आता है। इनमें सांस से जुड़ी बीमारियां भी शामिल हैं। सर्दियों का मौसम शुरू होने वाला है। सर्दियों के मौसम में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन बढ़ने की समस्याएं तेज रहती हैं। लंग्स को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी हो गया है, खासकर उत्तर भारत में रह रहे लोगों के लिए। यहां के निवासी हर साल पराली जलने से पॉल्यूशन की समस्या से जूझते हैं जिससे कई लोग सांस की बीमारी, अस्थमा व सर्दी-खांसी से प्रभावित होते हैं। ऐसे में सबसे लोगों को अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ व्यायामों को अपने डेली रूटीन में शामिल जरूर करना चाहिए।
फेफड़ों को सेहतमंद रखना क्यों जरूरी है?
हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर एसपी राय के अनुसार, फेफड़ों का मुख्य काम सांस लेने का है। इसके अलावा फेफड़े ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने का काम करते हैं। फेफड़े शरीर में लिक्विड कंटेंट को संतुलित करने का काम भी करते हैं। साथ ही फेफड़ों का स्वस्थ रहना उन लोगों के लिए भी जरूरी है जो इंफ्लेशन की दवाएं खाते हैं। स्वस्थ फेफड़े इम्यूनिटी मजबूत करने का काम भी करते हैं। इसलिए लोगों के बीच फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए जागरूकता बनाना जरूरी है। चलिए आपको बताते हैं, हेल्दी लंग्स के लिए कुछ सरल एक्सरसाइज।
इन 3 एक्सरसाइज को रोजाना करें
ब्रीद कंट्रोल एंड इंटरनल ट्रेनिंग
यह एक्सरसाइज करने का तरीका है अपने मूवमेंट के साथ सांस लेना, जैसे कि रनिंग या साइकलिंग करते हुए दो-दो स्टेप लें और सांस बाहर छोड़ें फिर दो बार रनिंग करते हुए सांसों को बाहर छोड़ें। ऐसा करने से फेफड़ों की ब्लड कलेक्ट करने की क्षमता मजबूत होती है।
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डीप ब्रीदिंग और ब्रिस्क वॉक
इसे करने के लिए सबसे पहले एक समतल जगह चुनें। समतल जगह मतलब जमीन और खाली जगह। यहां आपको वॉक करना शुरू करना है। 5 मिनट वॉक करने के बाद शरीर व्यायाम के लिए तैयार हो जाता है। अब आपको अपने कदमों की रफ्तार बढ़ानी होगी, इसके साथ-साथ आपको तेज वॉक करते-करते 2-3 सेकंड तक सांस को अंदर की तरफ लेना है और फिर उसके बाद सांस को बाहर की तरफ छोड़ना है। ऐसा लगभग 30 मिनट तक करना होगा। इस एक्सरसाइज की मदद से ब्लड फिल्टर होता है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और ब्लड फ्लो भी बेहतर रहता है।
अनुलोम-विलोम
यह अभ्यास फेफड़ों और सांस के लिए सबसे कारगर मानी जाती है। रोजाना इसे करने से फेफड़ों की इम्यूनिटी मजबूत होती है। इसे करने के लिए आपको पद्मासन में बैठना होगा। अब राइट हैंड के थम्ब से राइट साइड की नोजस्ट्रिल को बंद करें और दूसरी नोजस्ट्रिल से सांस खींचे। इसके बाद रिंग फिंगर से लेफ्ट साइड की नोजस्ट्रिल को बंद करके राइ़ट नोजस्ट्रिल से सांस बाहर छोड़ें। इस प्रक्रिया को लगातार कुछ देर तक दोहराएं।
ट्रेकिंग से कैसे मिलेगा फायदा?
हालांकि, दिल्ली व आसपास के लोग ट्रेकिंग नहीं कर सकते हैं क्योंकि ट्रेकिंग पहाड़ों पर होती है। मगर इन्हें तेज रनिंग व एक्सरसाइज करनी चाहिए जिससे फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ सके। ट्रेकिंग सांस की बीमारियों को भी दूर रखता है। ट्रेकिंग करने से आपकी शारीरिक गतिविधि में भी बढ़ोतरी होती है। ट्रेकिंग करने से कम ऑक्सीजन वाली जगहों पर भी सांस लेने में मदद मिलती है।
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