PM Narendra Modi Jakarta Visit Speech Highlights Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद भारत लौट आए हैं। इससे पहले इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में पीएम मोदी ने सीमा विवाद को लेकर चीन को सख्त संदेश दिया। पीएम मोदी ने कहा कि देशों को इंटरनेशनल कानूनों का पालन करना चाहिए। संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को मजबूत करने के लिए सभी देशों की प्रतिबद्धता और संयुक्त प्रयास आवयश्क है। आज का युग युद्ध का नहीं है। किसी भी विवाद का हल बातचीत और कूटनीति के जरिए किया जा सकता है।
पीएम मोदी का यह बयान चीन की उस हरकत पर आया है, जिसमें बीजिंग ने अपने नक्शे में अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को अपना बताया था। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी। पीएम मोदी ने सम्मेलन में आसियान के 10 सदस्यों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 12 सूत्रीय प्रस्ताव भी रखा।
जानें पीएम मोदी की बड़ी बातें-
- भारत वसुधैव कुटुम्बकम: वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर थीम पर जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। 21वीं सदी एशिया की सदी है। यह हमारी सदी है। हमें मानव कल्याण के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
- आतंकवाद, उग्रवाद और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए बहुपक्षवाद और नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था की आवश्यकता है।
- भारत-आसियान कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर हमारा फोकस है। हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि हम सभी के हित में है।
- अंतरराष्ट्रीय कानून सभी देशों पर समान रूप से लागू होना चाहिए। दक्षिण चीन सागर के लिए आचार संहिता प्रभावी होनी चाहिए। उन देशों के हितों का भी ख्याल रखना चाहिए, जो देश सीधे तौर पर चर्चा में शामिल नहीं है।
- जलवायु परिवर्तन की चुनौती अविकसित और विकासशील देशों के लिए चुनौती बन रही है। पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए आसियान देशों को एक मंच पर आना चाहिए।
G-20 में शामिल नहीं हो रहे जिनपिंग
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के संबंधों में तनाव जारी है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं। उनकी जगह प्रधानमंत्री आएंगे। 8 से 10 सितंबर तक दिल्ली में जी-20 सम्मेलन आयोजित होगा।
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