Mohamed Bazoum Hostage: अफ्रीकी देश नाइजर में राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को सैनिकों ने हिरासत में ले लिया है और राष्ट्रपति भवन की नाकेबंदी कर दी है। सैनिकों की ओर से दावा किया गया है कि पश्चिम अफ्रीकी देश में तख्तापलट कर दिया गया है। उधर, राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम की तत्काल रिहाई का आह्वान करते हुए अमेरिका ने नाइजर में बल द्वारा सत्ता पर कब्ज़ा करने के किसी भी प्रयास की निंदा की।
नाइजर के राष्ट्रपति ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि सुरक्षा बलों ने नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को उनके राष्ट्रपति महल में बंधक बना लिया था। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति बज़ौम और उनका परिवार ठीक है। सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति गार्ड बज़ौम को राजधानी नियामी में राष्ट्रपति महल के अंदर बंधक बनाकर रखा गया है।
राष्ट्रपति और सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, महल के नजदीक के मंत्रालयों को भी बंद कर दिया गया है, जिससे महल के कर्मचारियों के लिए अपने कार्यस्थलों में प्रवेश करना असंभव हो गया है। हालांकि, नियामी के अन्य इलाकों में शांति की बात कही जा रही है।
अमेरिका बोला- हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बुधवार (स्थानीय समयानुसार) एक बयान में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका नाइजर के बारे में गंभीर रूप से चिंतित है। हम लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति का पुरजोर समर्थन करते हैं और बलपूर्वक सत्ता पर कब्जा करने और संवैधानिक व्यवस्था को बाधित करने के किसी भी प्रयास की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम की तत्काल रिहाई, कानून के शासन और सार्वजनिक सुरक्षा का सम्मान करने का आह्वान करते हैं। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और नियामी में अमेरिकी दूतावास के साथ संपर्क में हैं।
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भी बयान जारी कर नाइजर को महत्वपूर्ण भागीदार बताया और कहा कि राष्ट्रपति गार्ड के तत्वों से राष्ट्रपति बज़ौम को हिरासत से रिहा करने और हिंसा से दूर रहने का आग्रह करते हैं।
पश्चिम अफ्रीकी संघ आयोग ने दी ये चेतावनी
इससे पहले, अफ़्रीकी संघ आयोग ने भी घटना की कड़ी निंदा की। पश्चिम अफ़्रीका के 15 देशों के क्षेत्रीय गुट, पश्चिमी अफ़्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय (ECOWAS) ने बज़ौम की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया। साथ ही चेतावनी दी कि इसमें शामिल सभी लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ट्वीट किया, “मैं नाइजर में बलपूर्वक सत्ता पर कब्जा करने और लोकतांत्रिक शासन, शांति और स्थिरता को कमजोर करने के किसी भी प्रयास की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। यूएन नाइजर की सरकार और लोगों के साथ खड़ा है।
बता दें कि 2021 के चुनाव में बज़ौम को राष्ट्रपति चुना गया था। नाइजर के पड़ोसी देशों बुर्किना फासो और माली में 2020 के बाद से चार बार सैन्य तख्तापलट हो चुका है। हाल के वर्षों में, साहेल के नाम से जाने जाने वाले अफ्रीकी क्षेत्र में तख्तापलट की कोशिशें फिर से बढ़ी हैं, जहां देश इस्लामी विद्रोह से जूझ रहे हैं।