UP Police given strict instructions by Home Secretary: उत्तर प्रदेश के जिलों में पीड़ितों व आम लोगों से पुलिसकर्मियों के दुर्व्यवहार के मामले तो आए दिन सामने आते रहते हैं। इस बीच पुलिस अधिकारियों व कर्मियों द्वारा माननीयों से भी अच्छा व्यवहार न किए जाने की शिकायतें बढ़ रही हैं। शासन ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है तथा माननीयों के प्रति शिष्टाचार व अनुमन्य प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के लिए एक बार फिर कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।
थाना क्षेत्र कविनगर में 05/06.11.23 की मध्य रात्रि में एक सूचना प्राप्त हुई थी | एक व्यक्ति का शव महरौली को जाने वाले रास्ते पर फ्लाईओवर के बगल में पड़ा हुआ था | तत्काल ही उक्त सूचना पर पुलिस बल द्वारा शव को कब्जे से लेकर के पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया |(1/2) pic.twitter.com/CsmVdpTzzf
---विज्ञापन---— POLICE COMMISSIONERATE GHAZIABAD (@ghaziabadpolice) November 8, 2023
लगातार बढ़ रहे हैं उल्लंघन के मामले
बता दें कि शासन व डीजीपी मुख्यालय स्तर से पहले भी पुलिसकर्मियों को इसे लेकर निर्देश दिए जाते रहे हैं लेकिन, लगातार शिकायतों के बाद अब शासन स्तर पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने स्पष्ट और विस्तृत निर्देश जारी करते हुए कहा है कि शासन और संसदीय अनुश्रवण समिति के समक्ष प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में जो पुलिस अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ प्रोटोकॉल के अनुसार आचरण नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Recovering Happiness –@budaunpolice द्वारा सर्विलांस सेल के माध्यम से खोए हुए 120 मोबाइल फोन (कीमत लगभग ₹25 लाख) बरामद कर उनके स्वामियों को सुपुर्द किए गए। #WellDoneCops #GoodWorkUPP pic.twitter.com/ceCfDqgzjK
— UP POLICE (@Uppolice) November 8, 2023
इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के विधायकों और सांसदों ने यह शिकायत की थी कि ज्यादातर अधिकारी उनके फोन नहीं उठाते, इसके बाद सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए थे लेकिन, लगता है कि इसका असर होता नजर नहीं आ रहा है।
जारी किए गए निर्देश
जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी अधिकारी सांसदों व विधानमंडल के सदस्यों के सीयूजी नंबर अथवा उनके द्वारा नोट कराया गया अन्य मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से अपने मोबाइल में फीड करेंगे तथा कॉल आने पर उसे रिसीव करेंगे। वहीं, बैठक में होने अथवा उपलब्ध न होने की स्थिति में कॉल की जानकारी होने पर प्राथमिकता पर जनप्रतिनिधि को सूचना भेजने के साथ ही कॉल कर बात करेंगे। साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा फोन पर बताए गए प्रकरणों का यथाशीघ्र निस्तारण कराकर उन्हें जानकारी भी देंगे। इसके साथ ही जिले के अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के मोबाइल पर उनके क्षेत्र के माननीयों का फोन नंबर भी फीड कराएंगे।
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कहा गया है कि जनप्रतिनिधि के जनहित से जुड़े कार्यों के संबंध में अधिकारी व कर्मचारी से भेंट करने पर उन्हें सीट से खड़े होकर यथोचित सम्मान किया जाए। साथ ही जनप्रतिनिधियों से वार्ता में यदि उनके अनुरोध अथवा सुझाव को स्वीकार करने में असमर्थ हों तो, अधिकारी उसके कारणों से जनप्रतिनिधियों को विनम्रतापूर्वक अवगत भी कराएंगे। इसके साथ ही किसी अनुचित आचरण अथवा जानबूझकर की गई गलती को दुराचरण माना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।