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Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ के हालातों को लेकर प्रशासन सतर्क, लोगों से राहत केंद्रों में जाने को कहा

Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ में पिछले कुछ दिनों में कई घरों और सड़कों में दरार पड़ने के बाद प्रशासन बेहद अलर्ट है। यहां से खतरे के निशान वाले घरों से लोगों को राहत केंद्रों तक पहुंचाने का काम भी जारी है। उधऱ, यहां के लोगों में फिलहाल भय का माहौल है। बता दें कि जोशीमठ […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Jan 9, 2023 11:10
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Joshimath Land Subsidence

Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ में पिछले कुछ दिनों में कई घरों और सड़कों में दरार पड़ने के बाद प्रशासन बेहद अलर्ट है। यहां से खतरे के निशान वाले घरों से लोगों को राहत केंद्रों तक पहुंचाने का काम भी जारी है। उधऱ, यहां के लोगों में फिलहाल भय का माहौल है। बता दें कि जोशीमठ की जमीन धंसने के कारण इस इलाके को ‘सिंकिंग जोन’ घोषित किया गया है।

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौजूदा स्थिति का जायजा लेते हुए जोशीमठ भूस्खलन और धंसाव से प्रभावित निवासियों को तत्काल राहत और बचाव सुनिश्चित करते हुए क्षेत्र में चल रहे सभी विकास कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावित स्थानीय लोगों को हर संभव मदद करने और क्षेत्र में सभी विकास कार्यों में तेजी लाने का भी निर्देश दिया है।

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लोगों से राहत केंद्रों में जाने की अपील

इस बीच, चमोली के जिलाधिकारी (डीएम) हिमांशु खुराना ने नुकसान की सीमा का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है। साथ ही घर-घर जाकर लोगों से राहत केंद्रों में जाने की अपील भी की है। चमोली जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, जोशीमठ शहर की 603 इमारतों में दरारें आ गई हैं। कुल 68 परिवार ‘अस्थायी’ रूप से विस्थापित हुए हैं।

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प्राधिकरण ने एक बयान में कहा, “आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत, होटल माउंट व्यू और मलारी इन को अगले आदेश तक संचालन प्रतिबंधित कर दिया गया है।” जोशीमठ शहर क्षेत्र के तहत, 1271 की अनुमानित क्षमता के साथ 229 कमरों को अस्थायी रूप से रहने योग्य के रूप में चिन्हित किया गया है।

असुरक्षित क्षेत्रों को तत्काल खाली करने का आदेश

प्रशासन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 और 34 के तहत जीवन और संपत्ति के जोखिम का आकलन करने के बाद, अत्यधिक भूस्खलन की संभावना वाले और असुरक्षित समझे जाने वाले क्षेत्रों से स्थानीय लोगों को तत्काल खाली करने का भी आदेश दिया है।

एक अधिकारी ने कहा, “भूस्खलन से प्रभावित स्थानों की पहचान करने का काम जारी है और कमजोर परिवारों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।”

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जलविद्युत परियोजना के निर्माण कार्य को भी रोका

एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना के तहत चल रहे निर्माण को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक दिया गया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा हो हरे हेलंग बाईपास निर्माण कार्य को भी तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया है।

प्राधिकरण ने कहा, “तत्काल प्रभाव से, जोशीमठ नगर पालिका के तहत किए जा रहे निर्माण कार्यों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है।” जिला प्रशासन ने रविवार को प्रभावित परिवारों को आवश्यक घरेलू सामान के लिए आवश्यक सहायता राशि वितरित की। 46 प्रभावित परिवारों को आवश्यक घरेलू सामान के लिए प्रति परिवार 5 हजार रुपये की दर से राशि का वितरण भी किया गया है।

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मौजूदा स्थिति के लिए ये कारण जिम्मेदार

भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) के एक एमेरिटस वैज्ञानिक, डीएम बनर्जी ने मौजूदा स्थिति के लिए पास की एक पनबिजली परियोजना, सड़कों और सुरंगों के निर्माण को जिम्मेदार ठहराया।

बनर्जी ने बताया कि जोशीमठ लघु हिमालय का हिस्सा है, चट्टानें प्रीकैम्ब्रियन युग की हैं और यह क्षेत्र भूकंपीय क्षेत्र 4 में आता है। इसके अलावा, लोगों को इस भूमि पर घर नहीं बनाने चाहिए थे, विशेष रूप से 3-4 मंजिलों वाले निर्माण तो बिलकुल नहीं किया जाना था।

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Written By

Om Pratap

First published on: Jan 09, 2023 10:25 AM

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