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IPhone फॉर्मेट किया, CCTV से भी छेड़छाड़…Swati Maliwal केस के आरोपी विभव के रिमांड पेपर में जानें क्या लिखा?

Swati Maliwal Assault Case Bibhav Kumar: स्वाति मालीवाल से मारपीट केस के आरोपी विभव कुमार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं, क्योंकि पुलिस केस में एक और धारा जोड़ सकती है। इस धारा के तहत आरोप को आधार बनाकर दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार की कोर्ट से कस्टडी ली है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: May 19, 2024 13:31
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Swati Maliwal Assault Case Accused Bibhav Kumar
स्वाति मालीवाल से मारपीट केस में आरोपी विभव कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

Swati Maliwal Assault Case Update: AAP सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट केस में ताजा अपडेट सामने आया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी विभव कुमार पर पुलिस IPC की धारा 201 यानी सबूतों को नष्ट करने की धारा भी लगा सकती है, क्योंकि पुलिस का कहना है कि विभव कुमार ने जानबूझकर अपना IPhone फॉर्मेट किया है। पुलिस CM हाउस में लगे CCTV फुटेज की DVR का रिकॉर्ड मुहैया कराने के लिए लगातार एजेंसी के संपर्क में है।

पुलिस मामले में और लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है। पैन ड्राइव में उपलब्ध कराई गई वारदात के वक्त की CCTV फुटेज ब्लैंक मिली हैं। विभव कुमार को लेकर दिल्ली पुलिस मुंबई भी जा सकती है, क्योंकि उसकी लास्ट लोकेशन मुंबई में ही मिली थी। यह सब जानकारियां दिल्ली पुलिस ने बीते दिन विभव कुमार को कोर्ट में पेश करते समय दायर किए रिमांड पेपर में दीं, जिनके आधार पर ही पुलिस को विभव कुमार का 5 दिन की कस्टडी मिली।

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रिमांड पेपर में सबूतों से छेड़छाड़ होने का शक जताया

नॉर्थ दिल्ली के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अंजीथा चेप्याला द्वारा मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल की कोर्ट में विभव कुमार का रिमांड पेपर पेश किया गया। इसमें बताया गया कि गंभीर मामला है। क्रूर तरीके से स्वाति मालीवाल पर हमला हुआ है, जो जानलेवा हो सकता था। विभव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वह केस से जुड़े सवालों का जवाब देने में टालमटोल कर रहा है। मजिस्ट्रेट के सामने स्वाति मालीवाल ने दर्दभरी आपबीती बयां की।

उनके आरोपों में मौखिक दुर्व्यवहार और शारीरिक हमला भी शामिल है, जो देश की एक सांसद के साथ मुख्यमंत्री आवास के अंदर हुआ। आरोपी उन पर चिल्लाया, धमकाया और उन्हें अपमानित करने वाले शब्द कहे। क्रूरतापूर्वक हमला किया गया। उन्हें घसीटा गया और मेज पर उनका सिर पटका गया। केस में सबसे महत्वपूर्ण सबूत घटनास्थल पर लगे CCTV की फुटेज है, जो अब तक पुलिस को उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिससे छेड़छाड़ होने की आशंका है।

 

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रिमांड पेपर में नोएडा में दर्ज केस का हवाला दिया

दिल्ली पुलिस के अनुसार, विभव कुमार को जमानत दी गई तो वह सबूतों और गवाहों से छेड़छाड़ कर सकता है। उसने अपना IPhone फॉर्मेट कर दिया है, जिसका डाटा निकलवाने के लिए विभव कुमार का साथ रहना जरूरी है। फोन का पासवर्ड और ऐप्स की जानकारी उसे ही है, इसलिए उसकी कस्टडी जरूरी है। विभव कुमार पहले भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है, जिस कारण उसे CM के निजी सचिव के पद से बर्खास्तगी कर दिया गया था।

विभव के खिलाफ नोएडा में एक केस दर्ज है। विभव प्रभावशाली व्यक्ति है और एक आधिकारिक पद पर 9 साल से अधिक समय तक काम करने के चलते वह CM हाउस में गवाहों को प्रभावित कर सकता है और उन पर दबाव डाल सकता है। अप्रैल 2024 में CM के निजी सचिव के रूप में सेवाएं समाप्त होने के बाद भी विभव कुमार CM आवास में काम कर रहे थे। उससे इस मामले में भी पूछताछ करने की जरूरत है कि वे किस अधिकार के तहत वहां काम कर रहे थे?

 

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: May 19, 2024 01:02 PM

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