Dengue Delhi Figure 5 Thousand: राजधानी दिल्ली सहित देशभर में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में हर दूसरा और तीसरा मरीज डेंगू से पीड़ित है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बीते 15 दिनों में डेंगू के मामले अचानक से बढ़े हैं, इनमें से अधिकतर अधेड़ उम्र के मरीज हैं। बच्चों में तेजी से घट रही प्लेटलेट्स की समस्या बहुत बड़ी चिंता का कारण है। दिल्ली-एनसीआर में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों तक की ओपीडी में डेंगू के मरीजों की संख्या 30 से 40% तक का इजाफा हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण की वजह से डेंगू के मरीज लगातार बढ़ रहे है।
नेशनल सेंटर फॉर वॉर्न डिजीज कंट्रोल के मुताबिक, दिल्ली में इस साल 17 सितंबर तक डेंगू के 5,221 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, एमसीडी के मुताबिक 5 अगस्त तक दिल्ली में केवल 348 मामले सामने आए। पिछले साल सितंबर तक 937 मामले ही दर्ज किए गए थे। हाल ही में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एमसीडी के अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी, जिसमें डेंगू के मामलों पर काबू पाने के लिए कई में देश के हित में निर्णय लिए गए थे। आपको बता दें कि एमसीडी द्वारा डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों का हर सप्ताह डेटा जारी किया जाता था, लेकिन 5 अगस्त के बाद से एमसीडी ने कोई डेटा जारी नहीं किया है।
छोटे बच्चों और नवजातोंं में डेंगू का खतरा
एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि अस्पतालों में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज आ रहे हैं। प्रदूषण का भी डेंगू के मरीजों पर असर पड़ रहा है। डेंगू मरीजों की आंखों में जलन, खांसी, अस्थमा और दिल के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। वहीं, उजाला सिग्नस अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के डॉ. शुचिन बजाज ने बताया कि छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं को डेंगू होने का खतरा अधिक होता है। 15 साल से छोटे बच्चों में वयस्कों की तुलना में मृत्यु दर 4 गुना बढ़ जाती है। ऐसे में नवजात व छोटे बच्चों को मच्छरों के काटने से बचाया जाना चाहिए।
अस्पतालों के डेंगू वार्डों की हालत काफी दयनीय
हिंदूराव अस्पताल के डेंगू वार्ड में मरीजो के ज्यादा आने से गंदगी हो रही है।। वार्ड में कूड़े के एनडीएमस ढेर लगे हुए हैं, जगह जगह पानी भरा हुआ है। इससे वाडों में भर्ती डेंगू के मरीजों, डॉक्टरों को फिर बैठक स मुंह ढककर आना-जाना पड़ रहा है। अस्पताल कर्मचारियों का कहना है डेंगू गंभीर होने पर उन्हें भर्ती किया जा रहा है। अस्पतालों के वार्डो की हालत काफी दयनीय स्थिति है। इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को कई बार लिखित शिकायत भी दी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।