---विज्ञापन---

भटकती आत्माओं की तरह ब्रह्मांड में घूमते हैं ‘इंटरस्टेलर’

Space News: कुछ वर्ष पहले एक हॉलीवुड मूवी आई थी, जिसका नाम ‘इंटरस्टेलर’ था। साइंस फिक्शन पर आधारित इस मूवी ने रिलीज होते ही कई नए धमाकेदार रिकॉर्ड बना दिए थे। परन्तु क्या आप जानते हैं कि ‘इंटरस्टेलर’ किसे कहा जाता है। ऐसे ग्रहों के बारे में अभी मानव जाति को अधिक जानकारी नहीं हैं, […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Aug 14, 2023 13:16
Share :
Space News, Space news in hindi, NASA, Science News, Science News Hindi
Image Credit: commons.wikimedia.org

Space News: कुछ वर्ष पहले एक हॉलीवुड मूवी आई थी, जिसका नाम ‘इंटरस्टेलर’ था। साइंस फिक्शन पर आधारित इस मूवी ने रिलीज होते ही कई नए धमाकेदार रिकॉर्ड बना दिए थे। परन्तु क्या आप जानते हैं कि ‘इंटरस्टेलर’ किसे कहा जाता है। ऐसे ग्रहों के बारे में अभी मानव जाति को अधिक जानकारी नहीं हैं, फिर भी इन्हें ढूंढा जा रहा है और इन्हें समझने का प्रयास किया जा रहा है। आइए जानते हैं इस बारे में

वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसे ग्रह जो किसी सौरमंडल के सदस्य नहीं है और अनंत, अथाह ब्रह्माण्ड में अकेले घूम रहे हैं, उन्हें ही इंटरस्टेलर कहा जाता है। इन्हें खानाबदोश ग्रह, दुष्ट ग्रह या अनाथ ग्रह भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि ये किसी भी सौरमंडल या सूर्य से बंधे नहीं होते। बहुत बार इनके अपने उपग्रह (चंद्रमा) भी नहीं होते हैं। अब तक एकत्रित किए गए आंकड़ों के अनुसार ऐसे ग्रहों की संख्या सौर मंडल वाले ग्रहों से कई गुणा ज्यादा हो सकती है।

यह भी पढ़ें: शनि और गुरु के चन्द्रमाओं पर भी आते हैं भूकंप, NASA ने बताया यह कारण

कैसे बनते हैं ‘इंटरस्टेलर’ ग्रह

अभी इस बारे में वैज्ञानिक पूरी तरह निश्चिंत नहीं हो पाए हैं लेकिन कई वे धारणाओं पर काम कर रहे हैं। पहली परिकल्पना तो यही है कि ऐसे ग्रह तारों के आसपास पैदा हुए होंगे फिर बाद में किसी कारण से सौर मंडल से बाहर निकल गए होंगे। दूसरी परिकल्पना के अनुसार सूर्य और ग्रह के बीच गुरुत्वाकर्षण बल बहुत ही कमजोर होता है। ऐसे में ग्रह सौर मंडल में बंध कर नहीं रह पाता और अपने मूल तारे से अलग होकर अंतरिक्ष में स्वतंत्र रूप से भटकने लगते हैं।

क्या ‘इंटरस्टेलर’ ग्रहों पर जीवन हो सकता है?

अभी इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। हालांकि ऐसे ग्रहों पर क्या परिस्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार (Space News) ऐसे ग्रह बहुत ज्यादा ठंडे और अंतहीन अंधकार से भरे होते हैं। ऐसे में जीवन का पनपना कठिन होता है। किसी भी ग्रह पर जीवन के लिए रोशनी का होना अनिवार्य है, लेकिन पृथ्वी के समुद्रों में भी कुछ ऐसी प्रजातियां मिली हैं जो घुप्प अंधेरे में जीवित रह सकती हैं।

यह भी पढ़ें: वैज्ञानिकों को मिला जवाब कि पहले मुर्गी आई या अंडा, आप भी जानिए यहां पर

क्या हमारे सौरमंडल का भी कोई ग्रह बन सकता है इंटरस्टेलर

भविष्य में जब कभी सूर्य का अंत होगा, तब सौरमंडल के सभी ग्रह या तो सूर्य की ओर खिंचे चले आएंगे और नष्ट हो जाएंगे या वे अलग तरह से व्यवहार करने लगेंगे। सौरमंडल के सबसे आखिर में स्थित प्लूटो जैसे ग्रह संभवतया उस समय सौरमंडल से बाहर निकल सकते हैं और खानाबदोश ग्रह की तरह भटक सकते हैं।

यदि पृथ्वी के साथ ऐसा हो तो

इस बात की संभावनाएं कम हैं कि पृथ्वी कभी खानाबदोश ग्रह बनेगी। परन्तु यदि कभी ऐसा होता है तो पृथ्वी पर भी रोशनी और गर्मी दोनों खत्म हो जाएंगी। ऐसे में अधिकांश जीवन समाप्त हो जाएगा। हालांकि अंधेरे और ठंड में रहने वाले जीव उस समय भी जीवित रह सकते हैं।

First published on: Aug 14, 2023 01:15 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें