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विदुर नीति: हाथ में पैसा नहीं टिकने देती हैं ये 3 आदतें, पाई-पाई के लिए पड़ सकता है तरसना

महात्मा विदुर ने अपनी प्रसिद्ध विदुर नीति में 3 ऐसी आदतों का उल्लेख किया है, जो किसी भी व्यक्ति को आर्थिक तंगी की ओर ले जा सकती हैं। यदि आप इन आदतों से बचते हैं, तो आप अपने वित्तीय जीवन को बेहतर बना सकते हैं। आइए जानते हैं, वे 3 आदतें कौन सी हैं?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Mar 20, 2025 19:37
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विदुर नीति जीवन के सही मार्ग को समझाने का प्रयास करती है। महाभारत के जमाने से आजतक विदुर की नीति जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों का सही तरीके से सामना करने के लिए विवेक और समझदारी की आवश्यकता को रेखांकित करती आई है। विदुर कहते हैं कि जीवन में धन की अहमियत से कोई इंकार नहीं कर सकता। धन की सही उपयोगिता और उसे बचाने के तरीके व्यक्ति को समृद्धि की ओर ले जाते हैं, लेकिन कुछ गलत आदतें ऐसी होती हैं, जो हाथ में आया पैसा भी छीन लेती हैं।

महात्मा विदुर ने अपनी प्रसिद्ध विदुर नीति में ऐसी 3 आदतों के बारे में बताया है, जो किसी भी व्यक्ति को आर्थिक तंगहाली की ओर धकेल देती हैं। यदि आप इन आदतों से बचते हैं, तो आप अपने वित्तीय जीवन को बेहतर बना सकते हैं। आइए जानते है, क्या है ये 3 आदतें?

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बिना जरूरत के धन खर्च करना

विदुर नीति में महात्मा विदुर ने कहा है कि बिना जरूरत के धन खर्च करना किसी भी व्यक्ति के लिए घातक हो सकता है। कई बार हम अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए या फिर कुछ दिखावे के लिए पैसे खर्च कर देते हैं, जो बाद में हमें मुश्किल में डाल देता है। यही कारण है कि पैसे के खर्च पर काबू पाना बेहद जरूरी है। अगर आप पैसे को सही तरीके से खर्च करेंगे, तो यह हमेशा आपके पास रहेगा। बिना सोचे-समझे खर्च करने से आपके हाथ में पैसा टिक नहीं पाता है और यही आदत आपको आर्थिक तंगी का शिकार बना देती है।

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दान न करना और अत्यधिक कंजूसी दिखाना

महात्मा विदुर ने यह भी कहा है कि जो व्यक्ति दान नहीं करता है, वह दरअसल खुद को ही नुकसान पहुंचा रहा होता है। ऐसा व्यक्ति न तो अपनी खुशियों का अनुभव कर पाता है और न ही दूसरों की मदद करने से उसे आत्मसंतोष मिलता है। दान करने से व्यक्ति के पास धन टिकता है, क्योंकि दान से पुण्य और आशीर्वाद मिलता है। इसके विपरीत, यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक कंजूस होता है और किसी की मदद नहीं करता है, तो उसका धन कभी भी स्थिर नहीं रहता। जरूरतमंदों की मदद करना और धार्मिक कार्यों में भाग लेना न केवल मानसिक शांति के लिए अच्छा है, बल्कि इससे पैसा भी बढ़ता है।

नशा और जुआ

विदुर नीति में एक और महत्वपूर्ण बात कही गई है कि नशे या जुए की आदतें व्यक्ति को हमेशा परेशान करती हैं। ऐसे लोग अपने पैसों को बिना सोचे-समझे इन आदतों में गंवा देते हैं। नशा और जुआ दोनों ही जीवन को अंधेरे रास्ते पर ले जाते हैं, जहां से बाहर निकलना मुश्किल हो सकता है। महात्मा विदुर का मानना था कि नशे और जुए से बचना चाहिए, क्योंकि ये दोनों आदतें आपके धन को तेजी से समाप्त कर देती हैं और आपके जीवन को विघटित करती हैं।

इसलिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम अपने खर्चों पर ध्यान दें, दान करें और बुरी आदतों से बचें ताकि जीवन में आर्थिक समृद्धि और खुशहाली बनी रहे। विदुर नीति यह भी बताती है कि किसी को बिना कारण के कर्ज नहीं लेना चाहिए। जो व्यक्ति अनावश्यक रूप से कर्ज लेता है, वह हमेशा आर्थिक संकटों से घिरा रहता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Mar 20, 2025 07:37 PM

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