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Pitru Paksha 2024: 17 या 18 कब से शुरू है पितृपक्ष? जानें महत्व और श्राद्ध की सभी प्रमुख तिथियां

Pitru Paksha 2024 Date: भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक मनाया जाने वाला पितृपक्ष हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो पूर्वजों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का अवसर देता है। आइए जानते हैं, पितृपक्ष का महत्व और श्राद्ध की सभी प्रमुख तिथियां।

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Aug 24, 2024 22:11
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Pitru Paksha 2024: पूर्वजों और पितरों को प्रसन्न रखने, उनकी आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए हर साल पितृपक्ष में श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। इस पक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से माना जाता है, जो आश्विन अमावस्या तक चलता है। भाद्रपद पूर्णिमा तिथि को श्राद्ध की पूर्णिमा तिथि होती है। इस दिन उनका श्राद्ध होता है, जिनका निधन किसी भी माह की पूर्णिमा तिथि को हुआ हो। पितृपक्ष में लोग अपने परिवार और खानदान के दिवंगत व्यक्तियों के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि करते हैं। आइए जानते हैं, साल 2024 पितृपक्ष में कब से कब तक है, महत्व क्या है और श्राद्ध की सभी प्रमुख तिथियां कब हैं?

2024 में कब कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष?

पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा से होती है, जो इस साल मंगलवार 17 सितंबर, 2024 से हो रही है। लगभग 15 से 16 दिनों चलने वाला मृतकों की तृप्ति और शांति का महापर्व आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है। इस माह की अमावस्या को ‘सर्व पितृ अमावस्या’ कहते हैं, जो इस साल 2 अक्टूबर 2024 को है, यानी पितृपक्ष समापन इसी तारीख को होगा।

पितृपक्ष महत्व क्या है?

प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन मास एक कृष्ण पक्ष में अमावस्या तक मनाया जाने वाले पितृपक्ष में पूर्वजों पितरों को श्रद्धांजलि दी जाती है. इसके लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि किए जाते हैं. इससे पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता है कि इस दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और हमारी पूजा स्वीकार करते हैं। मान्यता है कि इससे पितृ दोष का निवारण होता है.

यदि किसी कारणवश पूर्वजों का श्राद्ध नहीं किया गया हो तो पितृ दोष लग जाता है। पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पितृ दोष का निवारण होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही, पितृपक्ष के दौरान आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। इसके अलावा पितृपक्ष के दौरान परिवार के सभी सदस्य एक साथ आते हैं और अपने पूर्वजों को याद करते हैं। इससे परिवार में एकता और बंधन मजबूत होता है।

पितृपक्ष 2024 तिथियां

साल 2024 में पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर 2024 से हो रही है और इसका समापन 2 अक्टूबर 2024 को होगा। श्राद्ध की सभी तिथियों और दिवसों को आप यहां टेबल में देख सकते हैं:

तारीख श्राद्ध दिवस दिन हिंदी तिथि
17 सितंबर 2024 पूर्णिमा श्राद्ध मंगलवार भाद्रपद पूर्णिमा
18 सितंबर 2024 प्रतिपदा श्राद्ध बुधवार
अश्विन कृष्ण प्रतिपदा
19 सितंबर 2024 द्वितीया श्राद्ध बृहस्पतिवार
आश्विन कृष्ण द्वितीया
20 सितंबर 2024 तृतीया श्राद्ध शुक्रवार अश्विन कृष्ण तृतीया
21 सितंबर 2024 चतुर्थी (महाभरणी) श्राद्ध शनिवार अश्विन कृष्ण चतुर्थी
22 सितंबर 2024 पंचमी श्राद्ध रविवार अश्विन कृष्ण पंचमी
23 सितंबर 2024 षष्ठी श्राद्ध सोमवार अश्विन कृष्ण षष्ठी
23 सितंबर 2024 सप्तमी श्राद्ध सोमवार
आश्विन कृष्ण सप्तमी
24 सितंबर 2024 अष्टमी श्राद्ध मंगलवार
आश्विन कृष्ण अष्टमी
25 सितंबर 2024 नवमी श्राद्ध बुधवार अश्विन कृष्ण नवमी
26 सितंबर 2024 दशमी श्राद्ध बृहस्पतिवार अश्विन कृष्ण दशमी
27 सितंबर 2024 एकादशी श्राद्ध शुक्रवार
अश्विन कृष्ण एकादशी
29 सितंबर 2024 द्वादशी श्राद्ध रविवार अश्विन कृष्ण द्वादशी
29 सितंबर 2024 मघा श्राद्ध रविवार अश्विन मघा नक्षत्र
30 सितंबर 2024 त्रयोदशी श्राद्ध सोमवार
अश्विन कृष्ण त्रयोदशी
1 अक्टूबर 2024 चतुर्दशी श्राद्ध मंगलवार
अश्विन कृष्ण चतुर्दशी
2 अक्टूबर 2024 अमावस्या श्राद्ध बुधवार सर्वपितृ अमावस्या

 

पितृपक्ष में क्या किया जाता है?

  • श्राद्ध: श्राद्ध करना पितृपक्ष का सबसे महत्वपूर्ण कर्म है। श्राद्ध में पितरों के नाम पर भोजन बनाकर ब्राह्मणों को दान किया जाता है।
  • पिंडदान: पिंडदान में चावल के पिंड (लड्डू) बनाकर पितरों को अर्पित किया जाता है।
  • तर्पण: तर्पण में जल से पितरों का तर्पण किया जाता है।
  • दान: पितृपक्ष में दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
  • शास्त्रों का पाठ: पितृपक्ष में शास्त्रों का पाठ करने से पितरों को शांति मिलती है।

पितृपक्ष में क्या नहीं करना चाहिए?

  • मांसाहार: पितृपक्ष में मांसाहार से बचना चाहिए।
  • नशाखोरी: पितृपक्ष में शराब और अन्य नशे का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • झगड़ा: पितृपक्ष में किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए।
  • अशुद्ध कार्य: पितृपक्ष में अशुद्ध कार्य नहीं करने चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Shyam Nandan

First published on: Aug 24, 2024 10:11 PM

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