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आज आषाढ़ अमावस्या पर दुर्लभ योग में करें ये उपाय, 12 राशियों को पितृ और कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति!

Ashadha Amavasya 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज आषाढ़ अमावस्या का व्रत रखा जाएगा। आइए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या पर किस शुभ योग का निर्माण हो रहा है और आज कौन-कौन से उपाय करने लाभदायक रहेंगे।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Jul 5, 2024 09:38
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Ashadha Amavasya 2024

Ashadha Amavasya 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए साल में आने वाली प्रत्येक अमावस्या का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ अमावस्या का आरंभ 5 जुलाई को प्रात: काल 04 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 6 जुलाई को सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर आज यानी 5 जुलाई 2024 को आषाढ़ अमावस्या मनाई जाएगी।

भगवान शिव और विष्णु जी को समर्पित अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या के नाम से जाना जाता है, जो हर साल जुलाई माह में आती है। इस बार आषाढ़ अमावस्या की तिथि बेहद शुभ है, क्योंकि इस दिन एक दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में इन दिन पितृ और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ उपाय करना शुभ होंगे। आइए जानते हैं उन्हीं उपायों के बारे में।

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अमावस्या के दिन बना सर्वार्थ सिद्धि योग

आषाढ़ अमावस्या के दिन कई साल बाद सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा इस दिन सुबह 10 बजकर 41 मिनट से लेकर 12 बजकर 26 मिनट तक राहुकाल रहेगा। ऐसे में इससे पहले ही आप देवी-देवताओं की पूजा कर लें।

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पितृ और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के उपाय

धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या के दिन पितृ और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के उपायों को करना बाकी दिनों के मुकाबले ज्यादा फल मिलता है। आइए जानते हैं उन्हीं प्रभावशाली उपायों के बारे में।

1. आषाढ़ अमावस्या के दिन प्रात: काल उठें। स्नान आदि करने के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें। भगवान शिव और विष्णु जी की आराधना करें। पितृ का तर्पण कर पिंडदान करें। इसके बाद पितृ-सूक्तम् का पाठ करें। मन में पितृ को स्मरण करें और उनका जल से तर्पण करें। इससे पित्त आपके प्रसन्न होंगे और कुंडली में ग्रह भी शांत होंगे।

2. पितृ और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए आषाढ़ अमावस्या के दिन शाम के समय अपने घर से दूर किसी पीपल के पेड़ के समीप सरसों के तेल का दीपक जलाएं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को सच्चे मन से करने से नाराज पितृ शांत होते हैं। साथ ही कुंडली में कालसर्प दोष से भी छुटकारा मिलता है।

3. कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए आषाढ़ अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें। साथ ही नदी के किनारे किसी पुजारी से यज्ञ कराएं और जरूरतमंदों को दान करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Nidhi Jain

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Nidhi Jain

First published on: Jun 22, 2024 09:42 AM

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