OLA Sexual Harassment Case: कर्नाटक हाईकोर्ट ने महिला से यौन उत्पीड़न के मामले में ओला कंपनी को बड़ी राहत दी है। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बैंच ने सिंगल बैंच के आदेश पर रोक लगा दी है। इससे पहले कंपनी ने डबल बैंच के सामने याचिका दायर कर जुर्मान के संबंध में राहत की मांग की थी। सिंगल बैंच ने कानूनी खर्चों की भरपाई के लिए कंपनी को 5.5 लाख का जुर्माना देने का आदेश दिया था।
बता दें कि ओला पर एक महिला ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया था कि ओला ने अपने एक ड्राइवर पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की थी। मामले में 30 सितंबर 2024 को हाईकोर्ट की सिंगल पीठ ने फैसले में कहा था कि यौन उत्पीड़न का आरोपी ड्राइवर कंपनी का कर्मचारी है। इसके बाद कंपनी ने डबल बैंच के सामने याचिका दायर की सुनवाई की मांग की थी।
कोर्ट ने जारी किया नोटिस
कपंनी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि ड्राइवरों को ओला कंपनी द्वारा नौकरी नहीं दी जाती है। कंपनी की ओर से पेश किए गए हलफनामे के अनुसार कंपनी ने कहा कि हम ड्राइवरों को हायर नहीं करते हैं, बल्कि वे अपनी मर्जी से हमें चुनते हैं। वे इस मामले में पूरी तरह स्वतंत्र हैं। हालांकि कंपनी की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि कंपनी जुर्माना राशि जमा कराएगी। ऐसे में न्यायमूर्ति कृष्ण कुमार और न्यायमूर्ति एमजी उमा की खंडपीठ ने मामले में शामिल सभी लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।
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यह है पूरा मामला
बता दें कि पूरा मामला 23 अगस्त 2018 का है। जब ओला सवार ने महिला ने शिकायत देते हुए कहा कि येलहंका से जेपी नगर तक ओला कैब में सवारी के दौरान ड्राइवर ने उसका यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता ने बताया कि इतना ही नहीं गतंव्य स्थान पर पहुंचने के बाद भी ड्राइवर ने गाड़ी नहीं रोकी। वह पूरे सफर के दौरान फोन में पोर्न देखता रहा, इस दौरान वह अपने फोन को ऐसे पकड़े हुए था कि ताकि मुझे भी पोर्न दिखती रहे। महिला ने बताया कि आरोपी गाड़ी चलाते समय हस्तमैथुन भी कर रहा था।
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