Chief Justice Of India: भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने सोमवार को कहा कि वह उपलब्धि की भावना के साथ जा रहे हैं। रिटायरमेंट से एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट बार के सदस्यों को संबोधित करते हुए CJI ललित ने कहा “इस अदालत में मेरी यात्रा कोर्ट नंबर 1 में शुरू हुई थी। मैं यहां एक मामले का उल्लेख करने आया था जिसे मैं सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ के समक्ष पेश कर रहा था।
CJI Lalit says he is leaving with a sense of accomplishment
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— ANI Digital (@ani_digital) November 7, 2022
सीजेआई ने आगे कहा मेरी यात्रा अब यहां समाप्त होती है, जहां से मैं गुजर रहा हूं। बता दें कि 8 नवंबर को जस्टिस ललित के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को भारत का 50वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाएगा। सोमवर को औपचारिक पीठ में सीजेआई ललित, मुख्य न्यायाधीश-नामित न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी के साथ बैठे।
As your successor, I'm conscious that I've very big size shoes to fill as you've raised the bar for the Chief Justice. Justice UU Lalit's career has been a reflection of his dedication to public service: Justice DY Chandrachud at the farewell of CJI UU Lalit by SC Bar Association pic.twitter.com/hD3oetkwbJ
— ANI (@ANI) November 7, 2022
74 दिनों का कार्यकाल रहा
भारत की न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में उनका 74 दिनों का संक्षिप्त कार्यकाल था। सीजेआई ने कहा कि वह उपलब्धि की भावना के साथ जा रहे हैं और वह संतुष्टि की भावना के साथ है क्योंकि वह आखिरी बार अदालत से बाहर जा रहे है। CJI ललित ने कहा, “मैंने यहां 37 साल तक अभ्यास किया है, लेकिन मैंने कभी भी दो संविधान पीठों को एक साथ बैठे नहीं देखा। लेकिन मेरे कार्यकाल में, एक विशेष दिन पर, 3 संविधान पीठ एक ही समय में मामलों की सुनवाई कर रहे थे।”
My journey began from this court & today it ends in the same court. It's a beautiful occasion for me & I couldn't have asked for anything greater than that. I spent 37 years in SC, 29 years as an advocate &last 8 years as a Judge:CJI UU Lalit at his farewell by SC Bar Association pic.twitter.com/Y8rCgGaX11
— ANI (@ANI) November 7, 2022
पहले दिन यह किया था वादा
सीजेआई ललित ने शपथ लेते हुए वादा किया था कि साल भर में कम से कम एक संविधान पीठ काम करने की कोशिश करेगी। बार के सदस्यों ने कहा कि वे सीजेआई ललित को याद करने जा रहे हैं और उन्हें बेंच पर एक सफल कार्यकाल के लिए बधाई दी। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने से पहले न्यायमूर्ति ललित एक प्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता थे। उन्हें 13 अगस्त 2014 को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। जस्टिस ललित दूसरे CJI बने जिन्हें बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट की बेंच में पदोन्नत किया गया था। जस्टिस एसएम सीकरी, जो जनवरी 1971 में 13वें CJI बने, मार्च 1964 में सीधे शीर्ष अदालत की बेंच में पदोन्नत होने वाले पहले वकील थे।
इस बड़े केस में थी वकील
जस्टिस ललित का जन्म 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था। उनके पिता, यूआर ललित, बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में एक अतिरिक्त जज और सुप्रीम कोर्ट में एक वरिष्ठ वकील थे। न्यायमूर्ति ललित ने जून 1983 में एक वकील के रूप में नामांकन किया। उन्होंने आपराधिक कानून में विशेषज्ञता हासिल की और 1983 से 1985 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में अभ्यास किया। उन्होंने जनवरी 1986 में अपनी प्रैक्टिस को दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया और अप्रैल 2004 में उन्हें शीर्ष अदालत द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। बाद में उन्हें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सुनवाई के लिए सीबीआई का विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया।
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