World Hypertension Day 2025: बीपी की समस्या इन दिनों लोगों में आम हो गई है। ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए हमें लाइफस्टाइल में सुधार करने की जरूरत होती है। दरअसल, यह सभी बीमारियां खराब जीवनशैली से जुड़ी होती हैं, ऐसे में ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम्स को कंट्रोल करना ज्यादा मुश्किल हो जाता है। अगर किसी को बीपी हाई होने की समस्या लगातार बनी रहती है, तो वह हाइपरटेंशन में बदल जाती है। हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। इस साल की थीम सही “रक्तचाप को सही तरीके से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जिएं” है। आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट की सलाह।
क्या कहती हैं एक्सपर्ट?
डॉ. सुमोल रत्ना, सहायक प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, NIIMS मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, बताती हैं कि हर वर्ष 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के प्रति जागरूक करना है। यह एक ऐसी अवस्था है जिसे अक्सर साइलेंट किलर माना जाता है। इसका कारण यह है कि कई बार बीपी के लक्षण शुरुआती चरणों में नहीं दिखाई देते हैं और यह धीरे-धीरे हार्ट, ब्रेन, किडनी एवं आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
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साल 2025 की थीम क्या?
वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 2025 की थीम, “अपने रक्तचाप को सही तरीके से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जिएं” है। इसका मतलब है कि नियमित और सटीक रक्तचाप माप के महत्व पर जोर देना आवश्यक है। सही मेजरमेंट बीपी को जल्दी पहचानने, प्रभावी ढंग से मैनेज करने और जोखिमों से बचने में मदद करता है।
सही मेजरमेंट क्यों जरूरी?
डॉक्टर के मुताबिक, हाईपरटेंशन के सही प्रबंधन की आधारशिला ही सटीक रक्तचाप माप है। क्योंकि हाई बीपी अधिकतर बिना किसी लक्षण के होता है। ऐसे में यह समस्या तब तक नहीं पहचानी जाती है, जब तक कोई गंभीर समस्या सामने न आ जाए। यह समस्याएं स्ट्रोक, हार्ट अटैक या किडनी फेलियर की भी हो सकती हैं।
यदि मेजरमेंट सही नहीं होगा तो मरीज लंबे समय तक बेवजह दवाओं का सेवन करता रहेगा या फिर समय रहते आवश्यक इलाज से वंचित रहेगा। विशेषकर बुजुर्गों में यह चूक जानलेवा हो सकती है।
हाई बीपी चेक करने में आने वाली कुछ सामान्य दिक्कतें
1. गलत तकनीक- जैसे गलत मुद्रा में बैठना या माप के समय बातचीत ज्यादा करना।
2. व्हाइट कोट हाइपरटेंशन- इसमें मरीज के साथ कई बार डॉक्टर के सामने घबराहट के कारण बीपी हाई की समस्या देखी जाती है।
3.मास्क्ड हाइपरटेंशन- इसमें मरीज का क्लिनिक में बीपी सामान्य होता है, लेकिन घर पर ज्यादा होता है।
4.गलत या पुरानी मशीनों का उपयोग करना भी हाइपरटेंशन की समस्या को सही से मापने में परेशानी बन सकता है।
सही मेजरमेंट के लिए जरूरी उपाय
- बीपी चेक करने से पहले मरीज को कम से कम 5 मिनट तक आराम करने दें।
- बीपी चेक करवाते समय बातचीत न करें और मरीज की पीठ तथा हाथ ठीक से टिके हों।
- दो या अधिक बार बीपी चेक करें और औसत माप निकालें।
- घर पर बीपी मापना भी फायदेमंद होता है।
तकनीक का लाभ लें
आज के डिजिटल युग में, स्मार्ट बीपी मॉनिटर, मोबाइल ऐप्स और क्लाउड स्टोरेज जैसी तकनीकें बीपी मॉनिटरिंग को सरल, सुलभ और अधिक सटीक बना रही हैं।
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