मसूड़ों में सूजन दर्दनाक हो सकती है और मसूड़ों की बीमारी का कारण बन सकती है। सामान्य कारणों में खराब ओरल हेल्थ, हार्मोनल चेंजिस और विटामिन्स की कमी शामिल हैं। यदि उपचार न किया जाए, तो मसूड़ों की सूजन गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है, जिसमें दांतों का गिरना भी शामिल है। नमक के पानी से कुल्ला, हल्दी का पेस्ट और लौंग का तेल जैसे घरेलू उपचार सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जबकि गंभीर मामलों में एंटीसेप्टिक माउथवॉश और एंटीबायोटिक्स जैसी दवाएं आवश्यक हो सकती हैं। आइए जानते हैं कब हमें मसूड़ों की सूजन को अवॉइड करने से बचना चाहिए।
मसूड़ों में सूजन के कारण
दांतों की सेहत सही रखने के लिए मसूड़ों की सूजन को अनदेखा करने से बचना चाहिए, इसलिए सबसे पहले जान लेते हैं कि मसूड़ों में सूजन के कारण।
1. दांतों की सफाई में लापरवाही- प्लाक और टार्टर के जमने से बैक्टीरिया मसूड़ों में संक्रमण कर देते हैं।
2. हार्मोनल चेंज- गर्भावस्था, मासिक धर्म और मेनोपॉज के समय हार्मोनल चेंज मसूड़ों को सेंसिटिव बना देते हैं।
3. स्मोकिंग- यह मसूड़ों की ब्लड सप्लाई को कम करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटाता है।
4. खराब पोषण- खाने में विटामिन-C की कमी से भी मसूड़ों में सूजन हो सकती है।
5. दवा के साइड-इफेक्ट्स- कुछ दवाइयां जैसे एंटीहाइपरटेंसिव और एंटीएपिलेप्टिक, मसूड़ों में सूजन को बढ़ावा देती हैं।
6. कुछ बीमारियां- डायबिटीज, एचआईवी/एड्स और कैंसर जैसी बीमारियां भी मसूड़ों की स्थिति को बिगाड़ सकती हैं।
कब मसूड़ों की सूजन हो जाती है गंभीर?
- अगर सूजन कई दिनों से बनी हुई हो जैसे कि 7-10 दिन से अधिक समय तक बनी रहे, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
- खून आना, ब्रश या खाने के समय मसूड़ों से खून आने पर भी इग्नोर करने से बचें।
- अगर मसूड़े छूने पर बहुत दर्द करते हैं या दर्द लगातार बना हुआ है, तो यह संक्रमण या फोड़े का लक्षण हो सकता है।
- मसूड़ों की बीमारी में मुंह से बदबू आना आम है। अगर यह लगातार बनी रहे, तो जांच जरूर करवाएं।
- दांत हिलने लगें मसूड़े की गंभीर सूजन हड्डियों को कमजोर कर सकती है, जिससे दांत ढीले होने लगते हैं।
- चेहरे या जबड़े तक सूजन फैल जाए तो यह एक डेंटल इमरजेंसी हो सकती है।
- बुखार के साथ सूजन होने का मतलब है कि इंफेक्शन शरीर में फैल रहा है।
मसूड़ों में सूजन के सामान्य लक्षण
- मसूड़ों का लाल या गहरे रंग का होना।
- ब्रश करते समय खून आना।
- मुंह से बदबू आना।
- मसूड़ों में दर्द या संवेदनशीलता बनी रहना।
- दांतों में ढीलापन होना।
- दांतों के बीच खाली जगह का बनना।
क्या है सही उपचार?
डॉ. दिवांशु गुप्ता, क्रिटिकल केयर, सीनियर कंसल्टेंट और प्रभारी, सेप्सिस, ईसीएमओ, एआरडीएस, जयपुर, बताते हैं कि जिंजिवाइटिस या पेरियोडोंटाइटिस जैसी बीमारियों के पीछे जिम्मेदार मसूड़ों की सूजन होती है। मगर इससे बचने के लिए हम पहले से ही कुछ घरेलू उपायों व बचाव के तरीके अपना सकते हैं।
ये घरेलू उपाय आएंगे काम
- नमक और गुनगुने पानी से गरारे करें।
- हफ्ते में 1-2 बार बेकिंग सोडा से दांतों को ब्रश करें।
- एलोवेरा जेल को मसूड़ों पर लगाएं।
- टी ट्री ऑयल वाला टूथपेस्ट यूज करें।
- तुलसी और नीम जैसी जड़ी-बूटियों का पेस्ट लगा सकते हैं।
कुछ अन्य बचाव के उपाय
- दिन में 2 बार ब्रश जरूर करें।
- रोजाना फ्लॉसिंग भी करें।
- हर 6 महीने में डेंटिस्ट से चेकअप करवाएं।
- तम्बाकू और धूम्रपान से बचें।
उपचार में क्या-क्या शामिल हैं?
ग्राफिक्स की मदद से समझें…
स्केलिंग और रूट प्लानिंग, एंटीबायोटिक्स और सर्जरी।
जरूरी सलाह
मसूड़ों में सूजन आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जो समय रहते ध्यान न देने पर दांतों की हानि तक पहुंचा सकती है। यदि सूजन लंबे समय तक बनी रहती है या बार-बार लौटती है, तो तुरंत किसी डेंटिस्ट से सलाह लें।
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