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Glass में आइस क्‍यूब डालने से पहले दोबारा सोच लें! खतरनाक वायरस फैला रहा Stomach Flu, जानें ये है क्‍या

Stomach Flu Symptoms: पेट से जुड़ी बीमारियों का जोखिम किसी भी कारण से हो सकता है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Jan 17, 2024 10:30
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Stomach Flu
पेट का संक्रमण Image Credit: Freepik

Stomach Flu Symptoms: जब आप किसी रेस्तरां में अपने लिए कोई ड्रिंक लेते हैं, तो इसमें बर्फ के टुकड़े डालते ही हैं, लेकिन अगली बार बर्फ डालने से पहले हजार बार सोचेंगे। अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें ऐसी कौन सी बड़ी बात है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, इस जमे हुए पानी में वायरस हो सकता है, जो पेट की समस्या (Stomach Flu) की वजह बन सकता है।

इन दिनों इसके काफी मामले बढ़ रहे हैं और यही बात टेप वॉटर से अपने दांतों को ब्रश करने के बाद मुंह कुल्ला करने पर इस पाइप के पानी से दूषित हो सकता है, जिससे आपके मुंह के जरिए यह वायरस पेट के अंदर पहुंच सकता है। किसी भी अन्य फ्लू वायरस की तरह, फ्लू एक संक्रामक है और इसे रोकने के लिए एक डिसइंफेक्शन प्रोटोकॉल की जरूरत होती है। इस फ्लू का खतरा बच्चों, बड़े-बुजुर्गों और जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।

स्टमक फ्लू क्या है?

वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस नोरोवायरस (Disinfection Viral Gastroenteritis Norovirus) के कारण होता है, जो बड़ों और बच्चों दोनों पर असर डालता है और रोटावायरस(Rotavirus) जो ज्यादातर बच्चों को प्रभावित करता है। नोरोवायरस पेट के कीड़ों में सबसे आम है और इसके कई प्रकार हैं, लेकिन इसकी कोई वैक्सीन नहीं है।

अन्य वायरस एस्ट्रोवायरस और एंटरिक एडिनोवायरस (Astrovirus and Enteric Adenovirus) हैं। इन्फ्लूएंजा और कोविड जैसे रेस्पिरेटरी वायरस पेट को प्रभावित करती हैं और लूज मोशन का कारण भी बनते हैं। इसलिए शुरू में यह निर्धारित करना मुश्किल है कि कौन सा यह वायरस है। इसकी जांच के लिए मल परीक्षण (Stool Test) और कल्चर से होती है।

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Stomach Flu संकेत और लक्षण

यह वायरस 24 से 36 घंटों तक लूज मोशन और वोमिटिंग का कारण बनता है। इसके विपरीत, फूड पॉइजनिंग की वजह से होने वाला इंफेक्शन आमतौर पर केवल कुछ घंटों तक रहता है। इसके अलावा फूड पॉइजनिंग उस खाने में पनपने वाले बैक्टीरिया के कारण होती है, जो लंबे समय से बाहर रखा हुआ हो या बासी हो चुका है। बुखार के साथ लूज मोशन और वोमिटिंग भी होती है।

अगर आपको दो दिनों तक लगातार लूज मोशन हो और वोमिटिंग में खून आए, गंभीर थकान होना, चक्कर आना, 103 या 104 डिग्री तक तेज बुखार या गंभीर पेट दर्द हो, तो ऐसी कंडीशन में डॉक्टर से मिलना सही रहता है। गहरे पीले रंग का पेशाब आना या पेशाब न आना इस बात का मतलब है कि शरीर में पानी की कमी आ गई है। अगर लूज मोशन और वोमिटिंग 36 घंटे से ज्यादा समय तक होती है, तो उन्हें IV की जरूरत होती है।

कैसे करें इलाज

सबसे पहली बात यह एक वायरस है न कि कोई बैक्टीरिया है। इसलिए इसमें एंटीबायोटिक का यूज न करें। सिर्फ शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स से पूर्ति करें, जैसे- ओआरएस (Oral Rehydration Solutions) का इस्तेमाल करें। इसके अलावा फलों का रस, सोडा या कोला या शोरबा न लें। क्योंकि ये मिनरल्स की भरपाई नहीं करते हैं। डेयरी और गेहूं से परहेज करें। इमोडियम ब्रांड नाम से बेची जाने वाली लोपरामाइड (Diarrhea Relief) जैसी दवाएं न लें, क्योंकि इससे कॉम्प्लिकेशन बढ़ सकते हैं। एंटीमेटिक्स वोमिटिंग को रोकते हैं और प्रोबायोटिक्स आपके पेट पर कंट्रोल रखने में मदद कर सकते हैं, लेकिन कुछ भी लेने से पहले हमेशा डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

रोकथाम

  • खाने को साफ तरीके से तैयार करना चाहिए।
  • खाने से पहले और वॉशरूम का यूज करने के बाद कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को वॉश करें।
  • छोटे बच्चों को साफ-सफाई का महत्व बताएं।
  • अगर आप बीमार हैं, तो बर्तन और बाकी सामान दूसरे के साथ शेयर न करें।
  • रसोई के तौलिये को गर्म पानी में धोएं।
  • अधपकी मछली और मांस से परहेज करें।
  • शरीर को हाइड्रेट रखें।

Disclaimer: इसमें दी गई जानकारी पाठक खुद पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर कर लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Jan 17, 2024 09:51 AM

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