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क्या है क्रॉनिक डिजीज और कैसे दांतों की सफाई से इसका जोखिम होगा कम?

Cleaning Teeth reduces risk of Chronic Disease: दिन प्रतिदिन क्रॉनिक डिजीज का जोखिम बढ़ता जा रहा है। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि क्रॉनिक डिजीज क्या है। इसके अलावा ये भी बताएंगे कि कैसे इसके जोखिम को कम किया जा सकता है।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Mar 2, 2024 18:08
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Cleaning Teeth reduces risk of Chronic Disease

Cleaning Teeth reduces risk of Chronic Disease: आज के समय में हेल्दी रहना एक बड़ी चुनौती बन गई है। क्योंकि न चाहते हुए भी अब लोग तेजी से बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा क्रॉनिक डिजीज का जोखिम भी तेजी से बढ़ रहा है।

क्रॉनिक डिजीज में व्यक्ति को आमतौर पर वो बीमारियां होती हैं, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होती है। इसके अलावा इससे बचने के लिए व्यक्ति को लंबे समय तक उपचार लेने की जरूरत होती है, नहीं तो उसकी जान जाने का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में जरूरी है कि आप समय रहते क्रॉनिक डिजीज के खतरे को पहचानें। साथ ही इसके जोखिम को कम करें। हालांकि क्रॉनिक डिजीज के जोखिम को दांतों की स्वच्छता से भी कम किया जा सकता है। हेल्थ विशेषज्ञों ने अपने अध्ययनों में माना है कि जिन लोगों के दांत साफ रहते हैं उन्हें क्रॉनिक डिजीज होने का खतरा बहुत ज्यादा कम हो जाता है।

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आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप क्रॉनिक डिजीज के खतरे से बच सकते हैं। इसके अलावा ये भी बताएंगे कि दांतों की सफाई और क्रॉनिक डिजीज के बीच का संबंध क्या है।

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दांतों की सफाई क्यों है जरूरी?

बता दें कि अगर आप नियमित रूप से ब्रशिंग करते हैं, तो इससे आपके दांत हमेशा-हमेशा के लिए स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा इससे गंभीर बीमारियों के होने का खतरा भी बहुत ज्यादा कम हो जाता है। हेल्थ विशेषज्ञों का मानना है कि व्यक्ति का मुंह उनके संपूर्ण स्वास्थ्य के बारे में संकेत देता है। इसलिए अगर व्यक्ति को मुंह की कोई भी समस्या होती है, तो फिर उससे उसके शरीर के बाकी अंग भी प्रभावित होते हैं। इसके अलावा अगर व्यक्ति को लंबे समय से मसूड़ों की कोई समस्या है तो उसे दिल का दौरा पड़ने की सम्भावना ज्यादा होती है।

क्रॉनिक डिजीज का जोखिम कैसे होगा कम?

अध्ययनों में पाया गया है कि अगर व्यक्ति के मुंह में बैक्टीरिया हैं या फिर वो मसूड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है तो ऐसे में उसे क्रॉनिक डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा मसूड़ों की बीमारी से मधुमेह, हृदय रोग और गठिया आदि कई बीमारियां जुड़ी होती है। दरअसल व्यक्ति के मुंह से ही ज्यादातर संक्रमण शरीर तक जाते हैं। ऐसे में अगर आपको दांतों से जुड़ी कोई समस्या है या फिर आपके मुंह में बैक्टीरिया, सूजन या खून निकल रहा है तो वो सीधे शरीर में जाता है, जिससे शरीर के अन्य हिस्सों में भी सूजन होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके बाद उसे कुछ ही समय में क्रॉनिक डिजीज भी हो सकती है। इसलिए अपने दांतों को हमेशा साफ रखें। इसके लिए रोजाना कम से कम दो बार ब्रश करें

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Disclaimer: उपरोक्त जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Nidhi Jain

First published on: Mar 02, 2024 06:08 PM

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