Brain Health: दिमाग शरीर का वो अंग है जो पूरे शरीर की सेहत निर्धारित करता है. ऐसे में दिमाग की दिक्कतों (Brain Problems) का वक्त रहते पता लगाना और जरूरी इलाज करवाना जरूरी है. न्यूरोसर्जन डॉ. जय जगन्नाथन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वे बता रहे हैं कि एक ऐसा ब्लड टेस्ट (Blood Test) है जिसे करवाने पर दिमाग की बीमारी को लक्षण दिखने से पहले पहचाना जा सकता है. अपने पोस्ट में डॉक्टर ने न्यूरोफिलामेंट लाइट चेन (NFL) ब्लड टेस्ट के साथ ही इस बात का भी जिक्र किया है कि न्यूरोजॉलिकल डिजीज के खतरों को किस तरह से कम किया जा सकता है.
क्या है NFL टेस्ट | What Is NFL Test
डॉ. जगन्नाथन ने बताया है कि न्यूरोफिलामेंट लाइट चेन नर्व सेल इंजरी का मार्कर है. यह ब्रेन हेल्थ के बारे में जानने का सबसे अच्छा टेस्ट बनकर उभर रहा है. इसके हाई लेवल्स अल्जाइमर’स, पार्किनसन’स, स्ट्रोक, मल्टीपल स्क्लेरॉसिस और ट्रामेटिक ब्रेन इंजरी से जुड़े हैं. डॉक्टर का कहना है कि आपको एकदम ठीक महसूस हो सकता है लेकिन NFL खतरे की घंटी दे रहा होता है.
यह भी पढ़ें – प्रोस्टेट कैंसर होने पर सबसे पहले दिखता है यह लक्षण, डॉक्टर ने बताया किस तरह करें Prostate Cancer की पहचान
NFL टेस्ट के लिए खून निकाला जाता है. यह टेस्ट प्रोटीन फ्रेग्मेंट्स की जांच करता है जोकि तब निकलते हैं जब ब्रेन या स्पाइनल कोर्ड सेल्स डैमेज्ड होती हैं. ये प्रोटीन आमतौर पर न्यूरोन्स के अंदर होते हैं. जब न्यूरोन्स पर चोट लगती है तो ये ब्लड और स्पाइनल फ्लुइड में आ जाते हैं जहां इनकी डॉक्टर जांच करते हैं या इन्हें मापते हैं.
क्यों जरूरी है यह टेस्ट
नर्व सेल्स जल्दी रिपेयर नहीं होती हैं. NFL ज्यादा हो तो इसका मतलब है कि दिमाग में किसी न किसी तरह का डैमेज चल रहा है और लक्षण नजर आने से पहले से ही यह डैमेज शुरू हो सकता है.
कैसे रखें अपने दिमाग का ख्याल
- डॉ. जय जगन्नाथन ने बताया कि दिमाग को प्रोटेक्ट करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जा सकात है. अपने ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल्स को कंट्रोल में रखें.
- रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है. रात में ही दिमाग खुद को डिटॉक्स करता है इसीलिए पूरी नींद लेना जरूरी होता है.
- रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें. एक्सरसाइज ना सिर्फ शरीर को दुरुस्त रखती है बल्कि ब्रेन को भी मजबूत बनाती हैं.
- मेडिटेरेनियन स्टाइल की डाइट लें यानी अपने खानपान में एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स को शामिल करें. एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स इंफ्लेमेशन को कम करने का काम करते हैं.
- डॉक्टर की सलाह है कि स्मोकिंग कम से कम करें या ना करें और एल्कोहल के सेवन से परहेज करें. कोशिश करें कि कोई भी चीज इतनी ज्यादा ना की जाए कि आपकी दिमागी सेहत को हानि पहुंचाने लगे.
- स्ट्रेस मैनेज (Stress Management) करना बेहद जरूरी है. लंबे समय तक चलने वाला स्ट्रेस या क्रोनिक स्ट्रेस दिमाग सिंकु़ड़ने का कारण बनता है.
अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज 24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.
यह भी पढ़ें – हार्ट ब्लॉकेज में कौन सा योग करना चाहिए? एक्सपर्ट ने बताया क्या करने से साफ होने लगेगा नसों में जमा प्लाक