Kidney Problems In Children: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप (Cough Syrup) पीने के बाद बच्चों की मौत का मामला सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि बच्चों की कफ सिरप पीने के कारण किडनी डैमेज हो गई और किडनी फेलियर (Kidney Failure) के कारण मासूमों की जान चली गई. सितंबर के महीने में कुछ जिलों के बच्चों को खांसी-जुकाम हुआ जिसके बाद उन्हें कफ सिरप पिलाई गई थी. बच्चों की हालत नाजुक होने लगी तो उन्हें छिंदवाड़ा अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें नागपुर भेजा गया और बच्चों ने दम दौड़ दिया. कुछ बच्चों का इलाज अबतक जारी है.
भारत सरकार ने कफ सिरप पर जारी की ए़डवाइजरी
बच्चों को कफ सिरप देने को लेकर भारत सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि 2 साल से छोटे बच्चे को खांसी-जुकाम की दवाई नहीं दी जानी चाहिए. ये दवाइयां 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं होती हैं और इनके किसी भी तरह के इस्तेमाल में क्लीनिकल इवैलुएशन की जरूरत होती है, साथ ही सुपरविजन, सही डोज, इफेक्ट पड़ने का समय और अलग-अलग दवाइयों के एकसाथ इस्तेमाल जैसी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है.
DGHS (Directorate General of Health Services) issues advisory on rational use of cough syrups in paediatric population
— ANI (@ANI) October 3, 2025
"Cough and cold medications should not be prescribed or dispensed to children under 2 years. These are generally not recommended for ages below 5 years and… pic.twitter.com/gqQ94VJIqx
बच्चों में किडनी फेलियर के लक्षण | Kidney Failure Symptoms In Children
बच्चों में किडनी फेलियर आम नहीं है और आमतौर पर बच्चों में किडनी की समस्या नहीं देखी जाती है. हालांकि, बच्चों के किडनी फेलियर से पहले उनमें पेशाब ना आने (Peshab Na Aana) की दिक्कत देखी जा सकती है. बच्चों का क्रिएटिनिन बढ़ना और पेशाब रुक-रुककर आना किडनी की बीमारियों की तरफ इशारा होता है.
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बच्चों में अक्यूट रेनल फेलियर (Acute Renal Failure) यानी किडनी फेलियर और क्रोनिक रेनल फेलियर यानी क्रोनिक किडनी फेलियर देखा जा सकता है. किडनी तक ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है. यूरिनल ट्रैक्ट में बाधा आने लगती है जिससे पैशाब में दिक्कत होती है. फ्लुइड से भरे सिस्ट भी किडनी में हो सकते हैं. किडनी फएलियर के कुछ लक्षण ऐसे नजर आते हैं –
- बच्चों को बुखार (Fever) रहने लगता है
- शरीर पर रैशेज नजर आते हैं
- डायरिया हो जाता है जिसमें खून नजर आता है
- बार-बार उल्टी (Vomiting) आने लगती है
- पेट में दर्द रहने लगता है
- पेशाब नहीं आता या बहुत ज्यादा आ सकता है
- त्वचा पीली पड़ जाती है
- शरीर के टिशूज सूजने लगते हैं
- आंखों में सूजन नजर आती है
- खाने की इच्छा नहीं होती
- सिर में दर्द रहता है
- हड्डियों में दर्द हो सकता है
- मुंह से बदबू आ सकती है
- और इरिटेटेड फील होता है.
बच्चों में किडनी इंफेक्शन
बच्चों में किडनी इंफेक्शन (Kidney Infection) का खतरा रहता है. किडनी इंफेक्शन तब होता है जब शरीर में बैक्टीरिया या फिर कोई वायरस आ जाता है. किडनी के कई इंफेक्शंस एंटीबायोटिक्स से ठीक हो सकते हैं. हालांकि, कुछ इंफेक्शंस ऐसे हैं जो इंफ्लेमेटरी होते हैं और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज 24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.
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