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हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी 5 अफवाह कौन-कौन सी? आइए जानते हैं डॉक्टर से

बीमारी कोई भी हो, लोगों के बीच उसके बारे में कुछ गलत मिथक और फैक्ट्स जुड़े ही होते हैं। इन गलत अफवाहों की वजह से कई बार लोग बीमारी का इलाज भी सही से नहीं कर पाते हैं। ऐसे में हमें इन गलतफहमियों के बारे में जरूर जानना चाहिए। चलिए जानते हैं डॉक्टर से।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Mar 20, 2025 08:42
BLOOD PRESSURE
photo credit-freepik

ब्लड प्रेशर की समस्या एक आम मेडिकल प्रॉब्लम बन गई है। यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। हालांकि, एक समय ऐसा था जब कहा जाता था कि हाई या लो बीपी की प्रॉब्लम एक तय उम्र के लोगों को होती है, लेकिन अब हर किसी के साथ यह समस्या होने लगी है। यह एक लाइफस्टाइल इश्यू है, जो खराब खान-पान और अनहेल्दी हैबिट्स के चलते होती है। गर्मियों में डायबिटीज और बीपी के मरीजों की परेशानी भी थोड़ी बढ़ जाती है। इस समय मौसम बदल रहा है, लाजमी है कि इन लोगों को थोड़ी समस्या हो सकती है। हर बीमारी को लेकर लोगों के बीच अफवाहें फैली होती है। अफवाहें अधिकांश मामलों में गलत ही होती हैं, ऐसे में किसी बीमारी को लेकर रिस्क लेना बिल्कुल सही नहीं है। चलिए डॉक्टर से जानते हैं ब्लड प्रेशर से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में।

क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट?

डॉक्टर रवि गोडसे बताते हैं कि ब्लड प्रेशर ऐसी लाइलाज समस्या है जिसमें 100 फीसदी लोगों को कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है, लेकिन उनके शरीर में फिर भी यह प्रॉब्लम होती है। चक्कर आना, कमजोरी महसूस करना और सिरदर्द करना हाई बीपी के कुछ लक्षण हो सकते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि भारत की आबादी के 15% लोगों को भी बीपी की समस्या है, इसलिए इसे नजरअंदाज करना गंभीर परिणाम ला सकता है।

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BP से जुड़े मिथक

1. ब्लड प्रेशर बढ़ने पर लक्षण दिखते हैं

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डॉक्टर के अनुसार, सबसे पहला मिथक यही है कि बहुत से लोग यह मानते हैं कि जब तक ब्लड प्रेशर से संबंधित कोई लक्षण नहीं दिखते, तब तक उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन हाई बीपी अक्सर बिना लक्षणों के होता है, इसलिए यह जरूरी है कि आप नियमित रूप से इसकी जांच कराएं।

2. बीपी के मरीजों को दिल के रोग होंगे

यह भी एक कॉमन मिथक है, जो लोगों में प्रचलित है कि जिन लोगों का ब्लड प्रेशर हाई है, उन्हें दिल की बीमारियों का रिस्क जैसे कि हार्ट अटैक, स्ट्रोक और फेलियर होता ही है। जी नहीं, ऐसा नहीं है। अगर किसी की बीपी लो है या बिल्कुल नहीं है, तो भी हार्ट डिजीज का रिस्क रहता है।

3. उम्र का फैक्टर

डॉक्टर रवि बताते हैं कि अमेरिका में 3 साल के बच्चों में भी हाई बीपी की प्रॉब्लम देखी गई है जिसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इतनी कम उम्र में भी बीपी की प्रॉब्लम होगी। हालांकि, ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम किसी के साथ भी हो सकती है लेकिन 18 साल से अधिक वाले लोगों को इसकी जांच जरूर करवाते रहना चाहिए क्योंकि कई बार डॉक्टर के पास चेक करवाने पर बीपी हाई और घर में लो नोट किया जाता है।

4. वजन कम करने से लाभ होगा

यह भी बीपी के मरीजों में एक प्रचलित फैक्ट है क्योंकि ज्यादा वजन वाले लोगों में हाई बीपी की प्रॉब्लम्स होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं लेकिन कोई यह सोचे की वेट लॉस करने से या दवाओं से यह प्रॉब्लम खत्म हो जाएगी, तो यह गलत होगा क्योंकि वेट लॉस करने से बीपी की समस्या में राहत मिल सकती है लेकिन इसे पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है।

5. बीपी की नॉर्मल रेंज क्या

अगर किसी मरीज का बीपी 140 बाय 90 होता है इसे हाई माना जाता है। डॉक्टर बताते हैं कि अमेरिकन रिसर्च में पाया गया है कि 120 बाय 80 नॉर्मल है। वहीं, 130 बाय 80 थोड़ा ज्यादा हाई होता है। अगर 130 के बाद है तो वह हाइपरटेंशन है। यूरोपियन रिपोर्ट बताती हैं कि 140 बाय 90 तक नॉर्मल रेंज है और इसके ऊपर हाइपरटेंशन है। भारत के लोगों को 136 बाय 90 है, तो यहां के लोगों को दवा लेनी ही है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Namrata Mohanty

First published on: Mar 20, 2025 08:42 AM

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