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Diabetic Retinopathy: आंखों से खून निकलना भी है डायबिटीज का संकेत! जानें क्या है DR

Diabetic Retinopathy: भारत में 101 मिलियन से ज्यादा डायबिटीज रोगी है। इसके साथ-साथ डायबिटिक रेटिनोपैथी (DR) भी एक बड़ी चिंता का विषय बन चुकी है, यह समस्या संभावित रूप से अंधापन का कारण भी बन सकती है। एक्सपर्ट्स इस नई समस्या के निदान पर काफी जोर दे रहे हैं, चलिए समझते हैं डायबिटिक रेटिनोपैथी के बारे में सब कुछ।

Edited By : Namrata Mohanty | Updated: Oct 20, 2024 11:07
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फोटो क्रेडिट- फ्रीपिक

Diabetic Retinopathy: भारत को डायबिटीज कैपिटल माना जाता है, यहां लगभग 101 मिलियन लोग इस बीमारी के रोगी है। हालांकि, देश के लिए डायबिटीज ही एक बड़ी चिंताजनक बीमारी है, कुछ रिपोर्ट्स की माने तो साल 2025 तक इस बीमारी के पीड़ितों की संख्या बढ़कर 125 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। डायबिटीज लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है, इसका कारण लाइफस्टाइल की गलतियां ही है, जिनमें खराब खान-पान, सोने-जागने का समय, खराब आदतें शामिल है। डायबिटीज से जुड़ी एक और बीमारी हेल्थ डिपार्टमेंट की चिंताएं बढ़ा रहा है, जिसे डायबिटीज रेटिनोपेथी कहते हैं। डायबिटीज रेटिनोपेथी (DR) में आंखों में खून आने की समस्या हो सकती है। पिछले कुछ समय से इस बीमारी को लेकर भी मामलों में वृद्धि हुई है। जानिए इस बीमारी और इससे होने वाले जोखिमों के बारे में।

क्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी?

डायबिटिक रेटिनोपैथी मधुमेह से संबंधित आंखों की एक स्थिति है जो आंख के पीछे के सेंसिटिव लाइट टिशु यानी रेटिना को प्रभावित करती है। यह तब होता है जब शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। टाइम्स नाऊ की एक रिपोर्ट में डॉक्टर मनीषा अग्रवाल ने उनकी टीम से हुई बात-चीत में बताया कि यह समस्या आम हो गई है और काम करने वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित कर रही हैं, सही समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो परेशानी बढ़ सकती है।

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डायबिटिक रेटिनोपैथी में खून कैसे निकलता है

एक्सपर्ट के अनुसार, आंखें शरीर में एक कैमरे की तरह काम करती हैं और रेटिना आंख का पर्दा है जिसमें तस्वीर बनती है। अगर किसी को लंबे समय से डायबिटीज हो तो रेटिना तक खून पहुंचाने वाली ब्लड वैसल्स से लीकेज होने लगती हैं, जिससे रेटिना के आसपास ब्लड निकलने लगता है। इस स्थिति को रेटिना डैमेज कहते हैं। डॉक्टर के अनुसार, डायबिटीज के लगभग 12% लोगों को डायबिटिक रेटिनोपैथी होने का जोखिम रहता है, यानी देश के लगभग 3 मिलियन लोग। DR के अर्ली स्टेज में संकेतों को समझना जरूरी है नहीं तो आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा रहता है।

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Photo Credit- Freepik

डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती संकेत

  • धुंधली दृष्टि ( Blurred and Fluctuating Vision)
  • आंखों में काले धब्बे या फ्लोटर्स आना
  • रात में देखने में कठिनाई होना
  • गंभीर मामलों में आंखों की रोशनी खो देना

रिस्क फैक्टर्स

  • हाई शुगर लेवल
  • डायबिटीज में बढ़ावा
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • हाई कोलेस्ट्रॉल
  • प्रेगनेंसी में परेशानी

इस समस्या से बचाव के उपाय

  • आई टेस्ट-डायबिटीज के मरीजों को साल में 2-3 बार अपनी आंखों की जांच जरूर करवानी चाहिए।
  • एक्सपर्ट्स, टाइप-1 में मुख्यत: 5 साल में 1 बार आई चेकअप के लिए कहते हैं। मगर टाइप-2 में नियमित टेस्ट करवाना चाहिए।
  • लाइफस्टाइल चेंज- स्वस्थ आहार खाएं, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और धूम्रपान करने से बचें।
  • अगर कोई महिला गर्भवती होने की तैयारी कर रही है या फिर हैं तो उन्हें भी रेटिनोपैथी की जांच जरूर करवा लेनी चाहिए।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Oct 20, 2024 11:07 AM

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