---विज्ञापन---

Pitru Paksha 2024: भूल से भी पितृपक्ष के दौरान किचन में न गिरने दें ये 3 चीजें, बढ़ सकती हैं जीवन की मुश्किलें!

Pitru Paksha 2024: वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोईघर में कुछ चीजें गिरना अशुभ माना जाता है। पितृपक्ष में तो यह और भी अधिक अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान 3 चीजों का गिरना आर्थिक नुकसान, पारिवारिक कलह और पितृ दोष जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं, ये 3 चीजें क्या हैं?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Sep 14, 2024 07:47
Share :

Pitru Paksha 2024: हिन्दू धर्म में किचन यानी रसोई घर को समृद्धि और सुख-शांति का केंद्र माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई में होने वाली हर छोटी-बड़ी घटना का घर के वातावरण पर असर पड़ता है। घर के किचन अक्सर कुछ न कुछ गिरती रहती है। वहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई घर में कुछ चीजों का गिरना अशुभ माना गया है। मान्यता है कि इन चीजों का गिरना, घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा दे सकता है।

17 सितंबर से पितृपक्ष आरंभ होने वाला है, जो 16 दिनों तक चलेगा और 2 अक्टूबर को समाप्त होगा। मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान रसोईघर यानी किचन में भूल से भी 3 चीजें नहीं गिरनी चाहिए। आइए जानते हैं कि ये 3 चीजें क्या हैं और इनके गिरने से जीवन पर क्या असर पड़ता है?

---विज्ञापन---

नमक

वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर में नमक का गिरना अशुभ माना जाता है। नमक को शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। सामान्य दिनों में भी इसका गिरना आर्थिक नुकसान, कलह और बुरे समय का संकेत देता है और यह घर में अनेक समस्याओं को जन्म देता है। पितृपक्ष के दौरान तो नमक का गिरना और भी अधिक अशुभ माना जाता है। इस दौरान नमक का गिरना पितरों को अपमानित करने के समान माना जाता है। इससे पितृदोष बढ़ सकता है और परिवार में क्लेश और अशांति अपने चरम पर हो सकती है।

ये भी पढ़ें:  Temples of India: जिंदा लड़की की समाधि पर बना है वाराणसी का यह मंदिर, दिल दहला देने वाला है इतिहास!

---विज्ञापन---

फोटो स्रोत: Google Imagen 3

दूध

आम दिनों में भी रसोईघर में दूध का गिरना या छलकना अशुभ माना गया है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, दूध का बार-बार गिरना घर में परेशानियों के आने का संकेत देता है। दूध को चंद्रमा से जोड़ा जाता है और चंद्रमा मन को शांत रखने वाला ग्रह है। पितृपक्ष मे पितरों को भी दूध अर्पित करने का रिवाज है। ऐसे में पितृपक्ष में दूध का गिरना और भी अधिक अशुभ माना जाता है। यह स्वास्थ्य हानि के साथ-साथ मानसिक अशांति को बढ़ाता है। इसका नकारात्मक प्रभाव घर की खुशहाली पर भी पड़ता है।

सरसों का तेल

पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इस दौरान सरसों का तेल गिरना पितरों का अपमान माना जाता है। इससे पितर दोष लग सकता है और परिवार में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। माना जाता है कि पितृपक्ष में किचन में सरसों का तेल का बार-बार गिरना आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और पारिवारिक कलह जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।

ये भी पढ़ें: Vamana Jayanti 2024: धरती पर होता राक्षसों का राज, यदि विष्णु न लेते वामन अवतार, जानें रोचक कथा

ये भी पढ़ें: Mahalaya 2024: महालया क्या है, नवरात्रि से इसका क्या संबंध है? जानें महत्व और जरूरी जानकारियां

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Edited By

Shyam Nandan

First published on: Sep 13, 2024 08:44 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें