नई दिल्ली: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की बैठक खत्म हो गई है। सोमवार शाम को दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलने के बाद अजय माकन ने कहा कि अध्यक्ष ने लिखित रिपोर्ट मांगी है। इसे आज रात या कल शाम तक सौंप दी जाएगी। हमने सारी बातें कांग्रेस अध्यक्ष को बता दी है। माकन ने कहा कि हम एक-एक विधायक से मिलकर उनकी राय जानना चाहते थे, लेकिन वे सामूहिक रूप से मिलने पर अड़े रहे।
उन्होंने कहा कि हमें विधायकों से बात कर के सोनिया गांधी को रिपोर्ट देनी थी। विधायकों की तरफ से इसके लिए शर्तें रखी गईं जिसका हमने विरोध किया।
राजस्थान में राजनीतिक संकट गरमा गया है। अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष के रेस में शामिल होने के बाद राजस्थान का सियासी पारा गरम है। एक बार से सचिन पायलट के साथ उनका आंतरित कलह जगजाहीर हो गया। राजस्थान मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू हुए घमासान की आग अब कांग्रेस अध्यक्ष पद तक पहुंचती दिखाई दे रही है। सूत्रों के मुताबिक अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस से बाहर हो सकते हैं।
#RajasthanPoliticalCrisis | Mallikarjun Kharge & I briefed, in detail, the Congress chief about our meetings in Rajasthan. She asked us for a written report. We'll give it to her by tonight or tomorrow: AICC Observer Ajay Maken, after meeting Congress interim chief Sonia Gandhi pic.twitter.com/3SepW92C1P
— ANI (@ANI) September 26, 2022
कांग्रेस सभी सीनियर नेता अशोक गहलोत के स्टंट से खफा हैं। कांग्रेस के सीनियर नेताओं का कहना है कि ‘वह (गहलोत) कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ से बाहर हैं। अब मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल अध्यक्ष पद की रेस में चल रहे हैं। सीडब्ल्यूसी सदस्य और पार्टी के एक नेता ने ये भी कहा कि गहलोत ने जिस तरह का व्यवहार किया वह पार्टी नेतृत्व के साथ अच्छा नहीं रहा। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत की हरकत से हाईकमान को लगता है कि इससे संदेश जाएगा कि गांधी परिवार की अब पार्टी पर पहले जैसी पकड़ नहीं रह गई है।
ऐसे में अध्यक्ष पद पर किसी और नेता को ही लाया जा सकता है। वहीं राजस्थान में भी अब पार्टी लीडरशिप कुछ बैलेंस जरूर बनाना चाहेगी ताकि अशोक गहलोत बेलगाम न हो सकें। इसकी वजह यह है कि अशोक गहलोत के रवैये को हाईकमान ने समझ लिया है कि वह अपनी सत्ता को हिलता देख किसी भी हद तक जा सकते हैं। कांग्रेस नेता के मुरलीधरन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर 30 सितंबर को ही तस्वीर साफ हो जाएगी। उसी दिन पता चल पाएगा कि पार्टी अध्यक्ष के लिए कौन-कौन लड़ रहे हैं।
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