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Purnima 2023: सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व कहा गया है। एक वर्ष में कुल 12 पूर्णिमाएं आती हैं, जिन्हें माह के अनुसार अलग-अलग नाम दिए गए हैं। चैत्र माह में आने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सभी देवता स्वर्ग से पृथ्वी पर आते हैं। […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Apr 5, 2023 13:06
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Purnima 2023: सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व कहा गया है। एक वर्ष में कुल 12 पूर्णिमाएं आती हैं, जिन्हें माह के अनुसार अलग-अलग नाम दिए गए हैं। चैत्र माह में आने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सभी देवता स्वर्ग से पृथ्वी पर आते हैं। भगवान विष्णु भी इस दिन गंगा नदी में वास करते हैं।

आचार्य अनुपम जौली के अनुसार चैत्र पूर्णिमा पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। जिनकी वजह से इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए अथवा अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। पूर्णिमा पर किए गए उपायों का तुरंत फल मिलता है। जानिए चैत्र पूर्णिमा के उपायों के बारे में

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कब है चैत्र पूर्णिमा (Purnima 2023 Date and Muhurat)

चैत्र पूर्णिमा आरंभ होने का समय – 5 अप्रैल 2023 (बुधवार) को सुबह 9.19 बजे
चैत्र पूर्णिमा का समापन – 6 अप्रैल 2023 (गुरुवार) को सुबह 10.04 बजे

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ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार चैत्र पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग एवं रवि योग बन रहे हैं। साथ ही इस दिन अभिजीत मुहूर्त, विजय मुहूर्त तथा अमृत काल में भी सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

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चैत्र पूर्णिमा पर करें ये उपाय (Chaitra Purnima Ke Upay)

  • इस दिन भगवान श्रीहरि और मां कमला की आराधना करें। यदि घर के निकट कोई मंदिर हों तो वहां जाकर उन्हें पीला चंदन, कमल पुष्प व पीले पुष्पों की माला अवश्य अर्पित करें।
  • पूर्णिमा के दिन सुबह अपनी जन्मकुंडली में प्रतिकूल चल रहे ग्रहों की को अनुकूल बनाने हेतु दान-पुण्य करें। यथासंभव गरीबों, विकलांगों व साधु-संतों को भोजन तथा वस्त्र दान करें।
  • जिन लोगों को पितृ दोष बताया गया है, वे भी इस दिन पितृ दोष को दूर करने के लिए भगवान शिव की आराधना करें। साथ ही पितरों के निमित्त उनकी प्रिय वस्तुएं जरूरतमंदों को दान करें।
  • यदि कोई भी उपाय करना आपके लिए संभव न हो तो भी एक उपाय है। सुबह जल्दी स्नान कर जितना अधिक संभव हो, भगवान विष्णु के महामंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:” का जप करें।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Written By

Sunil Sharma

First published on: Apr 05, 2023 12:31 PM

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