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Lakshmi Ganesh Puja Secret: आमतौर पर हर घर में ऐसा देखने को मिलता है कि वहां मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा एकसाथ होती है। मां लक्ष्मी को धन-संपदा की देवी कहा गया है। जबकि भगवान गणेश विवेक और बुद्धि के देवता माने गए हैं। कहा जाता है कि बिना बुद्धा और विवेक के धन-वैभव प्राप्त कर पाना दुष्कर है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी की असीम कृपा से ही इंसान को धन और संवृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं का मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की साथ-साथ पूजा करने के पीछे क्या पौराणिक रहस्य है।
धार्मिक ग्रंथों में ऐसा वर्णन मिलता है कि मां लक्ष्मी की उत्पत्ति जल से हुई थी जो कि हमेशा चलायमान रहता है। जल के प्रवाह को एक स्थान पर समेटकर रख पाना संभव नहीं है। इसलिए ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी एक स्थान पर ठहरती नहीं हैं। लक्ष्मी के संभालने के लिए बुद्धि-विवेक की जरूरत होती है। बिना बुद्धि-विवेक के लक्ष्मी को संभाल पाना असंभव जैसा है, इसलिए दिवाली पूजन में लक्ष्मी के साथ गणेश की पूजा की जाती है। ताकि लक्ष्मी के साथ बुद्धि भी प्राप्त हो सके। मान्यता है कि जब लक्ष्मी की प्राप्ति होती है तो उसकी चकाचौंध में मनुष्य अक्सर अपनी बुद्धि को खो देता है और उससे काम नहीं ले पाता। यही वजह है कि लक्ष्मीजी के साथ हमेशा गणेशजी की पूजा की जाती है।
ये है पौराणिक कथा
माता लक्ष्मी का कोई भी पुत्र न होने पर उन्हें दुखी होता देख माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को उनकी गोद में बैठा दिया। तभी से भगवान गणेश माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र कहे जाने लगे। माता लक्ष्मी दत्तक पुत्र के रूप में श्रीगणेश को पाकर बहुत खुश हुईं। माता लक्ष्मी ने गणेशजी को वरदान दिया कि जो भी मेरी पूजा के साथ तुम्हारी पूजा नहीं करेगा, लक्ष्मी उसके पास कभी नहीं ठहरेगी। यही वजह है कि पूजन में माता लक्ष्मी के साथ दत्तक पुत्र के रूप में भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
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