Trump Terminates Trade With Canada: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा को तगड़ा झटका देते हुए देश के साथ सभी व्यापार संबंध खत्म कर दिए है। आदेश तुरंत प्रभाव से लागू भी हो गया है, क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यापार करने के लिए कनाडा को मुश्किल देश बताया है। कनाडा के साथ व्यापार संबंध खत्म करने की वजह कनाडा के डिजिटल सर्विस टैक्स को बताया जा रहा है, जिससे अमेरिका की बिजनेस इंडस्ट्री को काफी नुकसान पहुंचा। कनाडा ने अमेरिका के डेयरी प्रोडक्ट्स पर 400 प्रतिशत टैरिफ वसूला और अब कनाडा अमरेका की कंपनियों पर डिजिटल सर्विस टैक्स लगा रहा है तो अमेरिका उस देश के साथ कोई संबंध कैसे रख सकता है? कनाडा को अगले 7 दिन के अंदर अमेरिका के साथ व्यापार करने के लिए चुकाए गए शुल्कों की जानकारी दे दी जाएगी। कनाडा के टैक्स के कारण अमेरिका उससे व्यापार संबंध खत्म करता है।
US President Donald Trump terminates trade talks with Canada. pic.twitter.com/hL7LyiiVsJ
— ANI (@ANI) June 27, 2025
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कनाडा पर क्या असर पड़ेगा?
अमेरिका ने कनाडा से व्यापार संबंध खत्म कर दिए हैं तो आइए जानते हैं कि अगर अमेरिका कनाडा के साथ न करे तो क्या होगा? कनाडा की अर्थव्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था और कनाडा की वैश्विक स्थिति पर काफी असर पड़गा, क्योंकि अमेरिका कनाडा का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर रहा है। साल 2024 में कनाडा ने करीब 75% इंपोर्ट (लगभग 600 बिलियन डॉलर) और 50% एक्सपोर्ट अमेरिका के साथ किया था। अगर अब अमेरिका कनाडा के साथ ट्रेड न करे तो इंपोर्ट-एक्सपोर्ट बंद हो जाएगा।
खासकर एनर्जी, ऑटो मोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर प्रभावित होगा। बेरोजगारी, महंगाई जैसे परिणाम झेलने होंगे, क्योंकि कनाडा की निर्भरता अमेरिका के बाजार पर ज्यादा है। अमेरिका के व्यापार नहीं करने से इन सेक्टर्स में इंडस्ट्रीज को नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे कनाडा की GDP 10 से 15 प्रतिशत गिर सकती है। इन तीनों इंडस्ट्री में काम करने वाले लाखों लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। ओंटारियो और क्यूबेक जैसे इंडस्ट्रियल एरिया में बेरोजगारी बढ़ेगी।
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अमेरिका अब कनाडा से तेल नहीं खरीदेगा
अमेरिका के ट्रेड नहीं करने से कनाडा को मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता वस्तुएं नहीं मिलेंगी। इससे उत्पादन लागत और महंगाई बढ़ेगी। ट्रेड डील खत्म होने से अमेरिका कनाडा से प्रतिदिन 4 मिलियन बैरल तेल नहीं खरीदेगा। इतना तेल अमेरिका की कुल तेल मांग का बहुत बड़ा हिस्सा है। अमेरिका के तेल नहीं खरीदने से ऑयल और एनर्जी कंपनियों पर संकट मंडरा सकता है। कनाडा को ट्रेड करने के लिए चीन, भारत या यूरोप से बात करनी होगा, जो एकदम संभव नहीं होगा।
अमेरिका से व्यापार खत्म होने से कनाडा के ऑटोमोबाइल सेक्टर की फोर्ड, GM और स्टेलेंटिस जैसी कंपनियां घाटे में जा सकती हैं और उनके ऑफिस बंद हो सकते हैं। अमेरिका अब कनाडा से लकड़ी, स्टील और अन्य खनिज पदार्थ नहीं खरीदेगा। कनाडा के लिए नए बाजार तलाशना एकदम से संभव नहीं होगा। कनाडाई डॉलर कमजोर पड़ेगा, जिससे आयात महंगा होगा और देश में महंगाई बढ़ेगी। अमेरिका अब कनाडा में इन्वेस्ट नहीं करेगा। इससे कनाडा के इंफ्रास्टक्चरल प्रोजेक्ट प्रभावित होंगे।
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अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको के बीच हुआ USMCA (पूर्व NAFTA) व्यापार समझौता टूट जाएगा, जिससे क्षेत्रीय सहयोग में कमी आएगी। NORAD और NATO जैसे रक्षा गठबंधन रणनीतिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं, जिसका असर नॉर्थ अमेरिका पर पड़ेगा। कनाडा के ओंटारियो, ब्रिटिश कोलंबिया में आर्थिक संकट और सामाजिक अस्थिरता बढ़ सकती है। अमेरिका से खरीदी जाने वाली चीजों की कमी होगा, जिससे लागत बढ़ेगी और महंगाई का सामना लोगों को करना पड़ेगा।