Sheikh Hasina Bangladesh Exile Reasons: बांग्लादेश में छात्रों का आरक्षण रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन बीते ढाई महीने से हो रहा है। इससे पहले भी साल 2018 में इस मुद्दे पर प्रदर्शन हुआ था। लेकिन आज ऐसा क्या हुआ कि मजबूरन प्रधानमंत्री शेख हसीना को न केवल इस्तीफा देना पड़ा? बल्कि उन्हें अपनी जान बचाकर देश छोड़कर भागना पड़ा।
In Bangladesh, protesters broke into the residence of Prime Minister, Sheikh Hasina.
---विज्ञापन---The Prime Minister has tendered her resignation and fled the country. pic.twitter.com/lRvtY7QmXx
— MDN NEWS (@MDNnewss) August 5, 2024
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जमात-ए- इस्लामी पर लगाया था प्रतिबंध
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शेख हसीना का एक कदम उन पर भारी पड़ गया। दरअसल, हाल ही में बांग्लादेशी सरकार ने कंट्टरपंथी संगठन जमात-ए- इस्लामी पर प्रतिबंध लगाया था। बताया जा रहा है कि इससे संगठन और उसके समर्थक काफी नाराज थे। बैन के कुछ दिनों के भीतर ही इस तख्तापलट की पूरी बिसात गढ़ी गई और आज सुबह से ही प्रदर्शनकारी देश में जगह-जगह उग्र प्रदर्शन और आगजनी कर रहे थे।
These Islamists are not happy anywhere! #Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina was forced to resign and had to leave Dhaka for West Bengal in a military helicopter. Coup after #Riots in Bangladesh, army takes over the country.
Pray for Bangaldeshi Hindus ! Hindus in… pic.twitter.com/piYO7hQ6ZR
— आध्या श्री (@Aadhya__Sri) August 5, 2024
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हाई कोर्ट ने रद्द किया था पंजीकरण
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। बता दें जमात-ए-इस्लामी एक राजनीतिक पार्टी है, जिसे बांग्लादेश में कट्टरपंथी माना जाता है। जानकारी के अनुसार साल संगठन की शुरुआत 1941 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। 2018 में बांग्लादेश हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में संगठन का पंजीकरण रद्द कर दिया था।
आज सुबह से ही हो रही थीं हिंसक झड़प
फिलहाल जमात का कोई सदस्य देश के आम चुनाव नहीं खड़ा नहीं हो सकता सकता है। लेकिन संगठन छात्र राजनीति से लेकर विधानसभा तक अपनी पूरी पकड़ रखता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जमात-ए-इस्लामी पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हमला करने का आरोप होता रहता है। बीते कुछ दिनों से संगठन के कार्यकर्ता काफी एक्टिव थे और बैन के विरोध में सरकार के खिलाफ समर्थन जुटा रहे थे। जिसका नतीजा निकला की आज शेख हसीना को अपना पद छोड़कर देश से भागना पड़ा।
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