पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में अभी भी हालात सामान्य नहीं हैं। शुक्रवार को पाक सरकार और जम्मू कश्मीर संयुक्त आवामी एक्शन कमेटी के बीच दूसरे दौर की बातचीत हुई। इसमें कई मांगों को मानने का दावा भी किया गया लेकिन हालात अभी भी सामान्य नहीं हुई हैं। पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में अभी भी बाजार, दुकानें समेत सभी व्यवसाय बंद हैं। पीओके में 29 सितंबर से विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था। तब से लगातार प्रदर्शनकारियों ने दुकानें बंद रखीं, रैली निकाली और नारेबाजी कर रहे थे। चार दिनों के प्रदर्शन में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
‘हम किसी के खिलाफ नहीं’
जम्मू कश्मीर संयुक्त आवामी एक्शन कमेटी के नेता राजा शोएब ने कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। ये पाकिस्तान के उत्पीड़ित लोगों की भी मांगें हैं। हा कि एक समय आएगा जब पाकिस्तान के उत्पीड़ित लोग, पाकिस्तान के गरीब लोग कश्मीरी लोगों की तरह एक आवाज बनेंगे और ये भ्रष्ट लोग इन विधानसभाओं से चले जाएंगे। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार के वार्ता दल और संयुक्त आवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) के बीच मुजफ्फराबाद में दूसरे दौर की बातचीत हुई। इसके बाद सरकार ने मांगें मानने का दावा भी किया।
क्या बोले मंत्री?
दूसरे दौर की बातचीत के बाद संसदीय कार्य मंत्री तारिक फजल चौधरी ने कहा कि सरकार की समिति मुजफ्फराबाद में JAAC प्रतिनिधियों के साथ दूसरे दौर की बातचीत कर रही है। कहा कि हम कश्मीर के लोगों के अधिकारों का पूरा समर्थन करते हैं। उनकी ज्यादातर मांगें, जो जनहित में हैं, पहले ही मान ली गई हैं। शेष कुछ मांगों को पूरा करने के लिए संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता है और इस संबंध में बातचीत जारी है। कहा कि हमारा मानना है कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। हमें उम्मीद है कि एक्शन कमेटी शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए सभी मुद्दों का समाधान करेगी।