नई दिल्ली: पाकिस्तान घोर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में खाद्य पदार्थों के दाम सांतवें आसमान पर है। इस बीच पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके), गिलगित बाल्टिस्तान में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के साथ मिलाए जाने की मांग कर रहे हैं। गिलगित बाल्टिस्तान के लोगों की नाराजगी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
लोग सड़कों पर उतर आएं हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग मांग कर रहे हैं कि लद्दाख के कारगिल जिले में सकरदू कारगिल रोड को फिर से खोला जाए। पिछले 12 दिनों से इस क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। निवासियों द्वारा गेहूं और अन्य खाद्य पदार्थों पर सब्सिडी की बहाली, लोड-शेडिंग, अवैध भूमि पर कब्जा, और क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के शोषण जैसे विभिन्न मुद्दों को उठाया गया है।
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As of Jan 6, protests continue to rage in Gilgit-Baltistan, a region administered by Pakistan in the disputed Kashmir region. Citizens protest a surge in electricity prices, tax hikes, land grabs, & wheat shortages for the 9TH consecutive day. Take a look:pic.twitter.com/sTODO987bH
---विज्ञापन---— Steve Hanke (@steve_hanke) January 6, 2023
पाकिस्तान का सैन्य प्रतिष्ठान गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र की भूमि और संसाधनों पर जबरदस्ती का दावा करता रहता है। जमीन का मुद्दा दशकों से बना हुआ है, लेकिन 2015 से स्थानीय लोग यह तर्क दे रहे हैं कि जमीन जीबी के लोगों की है, क्योंकि यह क्षेत्र पीओके में है। हालांकि, जिला प्रशासन का कहना है कि जमीन पाकिस्तानी राज्य से संबंधित किसी व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं की गई है।
बता दें कि पाकिस्तान सेना और सरकार के खिलाफ लंबे समय से विरोध हो रहा है। यहां पर जमीन का मुद्दा कई दशकों से बना हुआ है। साल 2015 से स्थानीय लोग यह तर्क दे रहे हैं कि जमीन गिलगित बाल्टिस्तान के लोगों की है, क्योंकि यह क्षेत्र पीओके में आता है।
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