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पाकिस्तान का असली चेहरा बेनकाब, ट्रंप की दोहरी नीति पर पेंटागन अधिकारी ने कही बड़ी बात

Donald Trump: अमेरिकी एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट और पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने हाल ही में असीम मुनीर के अमेरिकी दौरे पर बड़ी बात कही है। साथ ही उन्होंने भारत को भी नसीहत दी है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए खुद फैसले ले, कोई विदेशी अधिकारी उनकी समस्या को समझ नहीं पाएगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jun 19, 2025 07:37

Donald Trump: ईरान-इजरायल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। ईरान के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी मोर्चा खोला हुआ है। हाल ही में उन्होंने ईरान को सीधे तौर पर हिना किसी शर्त के सरेंडर करने की सलाह दी थी, जिसका उन्हें आयातुल्लाह से जवाब भी मिला था। इससे पहले ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध विराम पर भी मध्यस्थ्ता दिखाई थी, मगर वहां भी उनकी तूती नहीं बोल पाई। फिर एकबार, भारत-पाकिस्तान के युद्ध को टालने के लिए भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने मध्यस्थ्ता की थी। इन सभी मुद्दों पर विशेष चर्चा करते हुए पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तान और आसिम मुनीर का चेहरा दुनिया के सामने दिखाया है।

हाल ही में ट्रंप-मुनीर की बैठक हुई, जिसकी आलोचनाएं भी की जा रही है। रुबिन ने इस मीटिंग को ऐतिहासिक, खतरनाक और गुमराह करने वाली रणनीति बताया है। उन्होंने पाकिस्तान पर भरोसा कर ईरान से मुकाबले को भी गलत विदेश नीति बताया है।

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भारत और पीएम मोदी को सलाह

माइकल रुबिन ने कहा कि पाकिस्तान को मेरी सलाह है कि वह अपने आतंकवादी प्रायोजन को बंद कर दे। उन्होंने पाकिस्तान के काले चेहरे को बेनकाब करते हुए कहा है कि पाकिस्तान किसी भी विश्व नेता का फायदा उठाने की कोशिश कर सकता है, लेकिन उसे इसकी कीमत चुकानी ही पड़ेगी। उन्होंने भारत को अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं जिम्मेदार बोला है। वे कहते हैं भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को वास्तविकता पर आधारित करने की जरूरत है, न कि अस्थायी नेताओं के वादों पर। डोनाल्ड ट्रंप भले ही यह दिखावा करते हों कि वे बातचीत में मध्यस्थ है, लेकिन भारत के लिए क्या अच्छा है, यह तय करने वाली भारत की सरकार और प्रधानमंत्री मोदी हैं। भारत को यह समझने की जरूरत है कि अकेले डोनाल्ड ट्रंप ही अमेरिकी नीति के प्रभारी नहीं हैं।

ट्रंप नोबेल प्राइज के लिए कुछ भी करेंगे!

माइकल रुबिन बताते हैं कि ट्रंप नोबेल प्राइज जीतने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। असीम मुनीर के साथ व्हाइट हाउस में उनकी मुलाकात बेबुनियाद थी। मगर उनका यह बयान कि पाकिस्तान अमेरिका का दोस्त है, इसकी कोई सच्चाई नहीं है। वे ये सबकुछ केवल नोबेल प्राइज जीतने के लिए कर रहे हैं, मगर उन्हें न ही इतिहास की सही जानकारी है और न ही नैतिक सुरक्षा का ज्ञान है।

क्या है पाकिस्तान के इरादे?

रुबिन आगे बताते हैं कि पाकिस्तान को दुनिया के कई देश एक नजर से देखते हैं कि वह सिर्फ और सिर्फ आतंक को बढ़ावा दे सकता है। मगर उनकी वास्तविक्ता अलग है, जिसे ट्रंप शायद देखना नहीं चाहते हैं। रुबिन ने आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान ऐतिहासिक पैटर्न का हवाला देते हुए सिर्फ वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए अमेरिका के साथ साझेदारी का दिखावा करता है।

ईरान-इजरायल युद्ध में पाकिस्तान की भूमिका?

रुबिन ने कहा कि संघर्ष के बाद ईरान में घुसपैठ करने या वहां परमाणु सामग्री पहुंचाने की किसी भी अमेरिकी योजना में पाकिस्तान का सहयोग शामिल हो सकता है, उन्होंने संकेत दिया कि यह चल रही कूटनीतिक चर्चाओं का हिस्सा हो सकता है। वे बताते हैं कि भले ही पाकिस्तान और ईरान एक-दूसरे के साथ कभी-कभी साथ दिखते हों, लेकिन वहे प्रतिस्पर्धी देश हैं। ऐसे में यदि ईरान अपने परमाणु त्यागता है, तो वह पाकिस्तान के हित में होगा। साथ ही, अमेरिका ईरान-इजरायल युद्ध में पाकिस्ताना का समर्थन भी ले सकता है।

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First published on: Jun 19, 2025 07:37 AM

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