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पाकिस्तान कंगाल क्यों? कर्जा लेकर खर्चा चला रहा इस्लामाबाद, बढ़ती जनसंख्या बनी दोधारी तलवार

Pakistan News: पाकिस्तान का आर्थिक संकट इस्लामाबाद को डुबो सकता है। प्रिंसटन के अर्थशास्त्री ने कहा है कि पाकिस्तान का आर्थिक संकट बड़े सुधारों की मांग करता है। उधर पाकिस्तान की बढ़ती जनसंख्या उसके लिए दोधारी तलवार बन सकती है।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Sep 9, 2024 09:33
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

Pakistan News: पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद खराब है। देश लगातार कर्ज के जाल में फंसता जा रहा है। आखिर पाकिस्तान के आर्थिक संकट का कारण क्या है। इस बारे में प्रिंसटन के अर्थशास्त्री आतिफ मियां ने अपनी रिपोर्ट में कई कारण गिनाए हैं। रिपोर्ट में पाकिस्तानी अर्थशास्त्री ने घरेलू और विदेशी कर्ज, असहनीय पेंशन देनदारियों और असफल होते बिजली क्षेत्र को पाकिस्तान की खस्ताहाल आर्थिक हालत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान का आर्थिक संकट बेहद गंभीर है और यह बड़े सुधारों की मांग करता है।

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मियां ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि पाकिस्तान के घरेलू और विदेशी कर्ज, उसकी अप्राप्त पेंशन देनदारियां और बिजली क्षेत्र ने पाकिस्तान को गहरे संकट में धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी दूसरे देश की हालत इतनी खराब होने की कल्पना करना मुश्किल है। मियां के विश्लेषण पर प्रतिक्रिया देते हुए चेस मैनहट्टन बैंक के पूर्व राजकोषीय प्रमुख असद रिजवी ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए समाधान पेश करने का आग्रह किया। इस पर मियां ने कहा कि टैक्स-जीडीपी अनुपात, बैंक कर्ज-जमा अनुपात और ओपन मार्केट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किए बिना अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में संघर्ष करना पड़ेगा।

बढ़ती आबादी बढ़ाएगी मुश्किलें

भारत के पड़ोसी देश की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि पाकिस्तान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन सकता है। पाकिस्तान आबादी के मामले में इस समय पांचवें नंबर पर है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि पाकिस्तान तेजी से अमेरिका और इंडोनेशिया जैसे देशों को पीछे छोड़ सकता है। और सदी के मध्य तक भारत और चीन के बाद तीसरे नंबर पर आ सकता है।

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हालांकि बड़ी आबादी एक दोधारी तलवार की तरह है। चीन और भारत में इसने घरेलू खपत बढ़ाने में मदद की है। पाकिस्तान में घरेलू सेवाओं और वस्तुओं की मांग काफी ज्यादा है। इससे बिजनेस को बढ़ाने में मदद मिलेगी। हालांकि पाकिस्तान की स्थिति अलग है, क्योंकि अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है। पाकिस्तान को अपना खर्च विदेशी कर्जों के जरिए चलाना पड़ रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की बढ़ती जनसंख्या अच्छी बात नहीं है।

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पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत

मौजूदा समय में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत बेहद खराब है। पाकिस्तान की जीडीपी भारत के टाटा ग्रुप के मार्केट कैप से भी कम है। अगस्त 2024 के आंकड़ों के मुताबिक टाटा ग्रुप का कुल मार्केट कैप 403 बिलियन डॉलर से ज्यादा है, जबकि फरवरी 2024 में पाकिस्तान की जीडीपी 341 बिलियन डॉलर थी। खास बात ये है कि टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस का मार्केट कैप 170 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। एक समय दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की नेटवर्थ 340 अरब डॉलर पर आ गई थी, जोकि पाकिस्तान की इकोनॉमी के बराबर थी।

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Edited By

Nandlal Sharma

First published on: Sep 09, 2024 08:11 AM

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