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जापान के प्रधानमंत्री ने छोड़ा पद, जानें अचानक इशिबा ने क्यों लिया फैसला?

Japan PM Resign Update: जापान के PM इशिबा ने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया है, जिससे देश की राजनीति में हलचल होने की संभावना है। इस्तीफे की वजह आलोचना, दबाव, आरोप और चुनाव में पार्टी की हार बताई जा रही है। पार्टी के टूटने से बचाने के लिए इशिबा को इस्तीफा देना पड़ा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Sep 7, 2025 14:46
Japan Prime Minister | Shigeru Ishiba | Politics
इशिबा ने प्रधामनंत्री पद छोड़ने का फैसला दबाव के चलते किया है।

Japan PM Resign Update: जापान की राजनीति में बड़ा उल्टफेर हो गया है। जापान के प्रधानमंत्री इशिबा ने पद से इस्तीफा देकर सियासत को गरमा दिया है। इस्तीफे की वजह सत्तारूढ़ गठबंधन के संसद के ऊपरी सदन में बहुमत में नहीं आ पाना है। वर्ष 1955 के बाद पहली बार हुआ है कि गठबंधन की सरकार संसद के दोनों सदनों में अल्पमत में आई है। इसके चलते ही इशिबा पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा था, जिसका परिणाम आ गया है।

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इशिबा ने इसलिए छोड़ा पद

जापान के सियासी गलियारों में चर्चा है कि इशिबा ने प्रधानमंत्री पद छोड़ने का फैसला सत्तारूढ़ पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) में फूट पड़ने और पार्टी को विभाजित होने से रोकने के लिए किया। राजनीतिक चुनौतियों का जवाब देने के लिए किया। क्योंकि पार्टी में काफी समय से आंतरिक कलह चल रहा था। पॉलिटिकल फंड की उगाही करने और घोटालों के आरोपों इशिबा को भी आलोचनाएं झेलनी पड़ रही थीं, इसलिए दबाव के चलते इशिबा ने पद छोड़ दिया।

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इस्तीफे से क्या असर पड़ेगा?

बता दें कि इशिबा के इस्तीफे से लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) में उत्तराधिकार की जंग छिड़ सकती है। अगर हालात बिगड़े से तो जापान में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है। शिगेरु इशिबा ने अक्टूबर 2024 में पद संभाला था। फुमियो किशिदा के इस्तीफे के बाद उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया था, लेकिन उनकी सरकार को महंगाई और आर्थिक समस्याओं के चलते आलोचना झेलनी पड़ रही थी। नए दक्षिणपंथी दलों से भी इशिबा सरकार को कड़ी चुनौती मिल रही थी।

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चुनाव में ऐसे मिली हार?

बता दें कि जापान में जुलाई 2025 में ऊपरी सदन (हाउस ऑफ काउंसलर्स) के चुनाव हुए थे, जिसमें लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) और गठबंधन में शामिल कोमेइतो को बहुमत नहीं मिला। गठबंधन को चुनाव जीतने के लिए 50 सीटों की जरूरत थी, लेकिन गठबंधन का केवल 47 सीटों पर जीत मिली। ऊपरी सदन में हार का असर निचले सदन पर भी पड़ा और वहां भी गठबंधन हार गया। LDP ने पहली बार दोनों सदनों में बहुमत खोया है।

First published on: Sep 07, 2025 12:11 PM

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