Palestinian Mother Gave Birth To Quadruplets: इसे कुदरत का चमत्कार कहें या किस्मत…युद्ध के हालात, एक तरफ गोलीबारी बमबारी, दूसरी तरफ लाशें, रोते-बिलखते लोग, इन सभी के बीच 4 नई जिंदगियों का दुनिया में आना। यह कहानी है उस महिला की, जो हमला हुआ तो जान बचाने के लिए अपने 3 बच्चों को लेकर घर से भागी। गर्भवती थी, न कोई साधन, न कोई रिश्तेदार, कहां जाएगी बिना यह सोचे वह करीब 5 किलोमीटर पैदल चलती रही। आखिर में जब वह दक्षिण गाजा पहुंची तो प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। किसी तरह बच्चों ने दूसरी महिलाओं को बुलाया, जिन्होंने बच्चों को जन्म देने में उसकी मदद की। 4 बच्चे हुए, जिनमें 2 लड़कियां और 2 लड़के हैं। वहीं महिला अपने बच्चों को साथा रिफ्यूजी कैंप में है।
This Palestinian mother has given birth to quadruplets in the besieged Gaza Strip amid Israel’s war after fleeing with her family from the north ⤵️ pic.twitter.com/As6DOTpweq
— Al Jazeera English (@AJEnglish) January 1, 2024
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दक्षिण गाजा में शरण ले चुकी महिला
यह कहानी है उत्तरी गाजा के बीत हानुन कस्बे की रहने वाली ईमान अल-मसरी (28) की, जो इजराइली सेना का हमला होते दक्षिण गाजा में शरण लेने के लिए निकली। ईमान बताती हैं कि जब वह घर से निकली 6 महीने की गर्भवती थी। मुश्किल हालातों से जूझ रही थी कि अचानक 18 दिसंबर को लेबर पेन शुरू हुई। उसके साथ उसके तीन बच्चे भी थे, जो उसे दर्द में देखकर सहम गई। किसी तरह वह अस्पताल पहुंची, जहां महिलाओं की मदद से उसने 2 बेटियों टिया-लिन है और 2 बेटों यासिर-मोहम्मद को जन्म दिया। मोहम्मद का वजन केवल एक किलोग्राम (2.2 पाउंड) है, इसलिए उसकी हालत नाजुक है। वह अस्पताल में भर्ती है। अब वह अल-बाला के एक स्कूल में बच्चों के साथ रह रही है, जो अब शरणार्थी कैंप है। इस कैंप में करीब 50 परिवार रहते हैं, लेकिन यहां जिंदगी नरक के समान है।
BREAKING:
After blocking JFK Airport in New York City, the anti-Israel protesters are now moving to LaGuardia Airport to block it too.
This is domestic terrorism and sabotage of critical infrastructure.
Will the authorities finally act? pic.twitter.com/mwtskAITPO
— Visegrád 24 (@visegrad24) January 1, 2024
कहती- भविष्य क्या होगा, नहीं जानती
ईमान कहती हैं कि सोचा था युद्ध एक या 2 हफ्ते चलेगा, लेकिन अब कह नहीं सकते कि यह कब तक चलेगा? करीब 25 लाख जिंदगियां बर्बाद हो चुकी हैं। कई शहर खत्म हो चुके हैं। वहां अब जिंदगी नजर नहीं आती। हमें नहीं पता कि अब हम अपने घर लौट पाएंगे या नहीं, लेकिन अगर युद्ध इसी तरह चलता रहा तो देश ही खत्म हो जाएगा। आगे कैसे जिएंगे, बच्चों का क्या होगा, कुछ नहीं पता।
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