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Iran: कौन थे कासिम सुलेमानी, जिनकी मजार के पास हुए विस्फोट में मारे गए 100 से ज्यादा लोग

Iran Bomb Blast Qasem Soleimani: कासिम सुलेमानी को ईरान का ताकतवर शख्स माना जाता था। उन्होंने कई खुफिया अभियानों में भूमिका निभाई थी।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Jan 3, 2024 21:30
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Iran Bomb Blast ISIS Qasem Soleimani Soleimani Fourth Death Anniversary Grave Blast
Iran Bomb Blast ISIS Qasem Soleimani Soleimani Fourth Death Anniversary Grave Blast

Iran Bomb Blast Qasem Soleimani: बुधवार को ईरान बम धमाके से गूंज उठा। ईरान के कमरान शहर में आतंकी धमाके में 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। जबकि 150 घायल हो गए। ये धमाके ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के जनरल रहे कासिम सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी पर होने वाले समारोह के दौरान हुए। ईरान इन हमलों से दहल उठा। आइए जानते हैं कि आखिर कासिम सुलेमानी कौन थे, जिनकी बरसी पर एकजुट हुए लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

ईरानी प्रमुख जनरल थे कासिम सुलेमानी

कासिम सुलेमानी इस्लामी क्रांतिकारी गार्ड कोर में ईरानी प्रमुख जनरल थे। वह लगभग 22 साल तक ईरान की सेना कुद्स फोर्स के कमांडर भी रह चुके थे। अमेरिका ने 3 जनवरी 2020 को इराक के बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी को मार गिराया था। माना जाता है कि ये ऑपरेशन डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद हुआ। जनरल सुलेमानी ईरान की खास शख्सियत थे।

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कुद्स फोर्स के कमांडर और प्रमुख सैन्य गतिविधियों में उनकी भूमिका के लिए उनकी पहचान देश के एक वीर के तौर पर रही। उन्हें बेहद ताकतवर शख्स माना जाता था। वे ईरान के कई खुफिया मिशनों से जुड़े थे।

कुद्स फोर्स ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की 5 शाखाओं में से प्रमुख शाखा है। ये फोर्स सीधे देश के सर्वोच्च नेता को रिपोर्ट करती है। सुलेमानी का सैन्य करियर 1980 के ईरान-इराक युद्ध की शुरुआत में शुरू होना माना जाता है। उन्होंने ईरानी सेना की 41वीं टुकड़ी की कमान भी संभाली थी।

https://twitter.com/zehrazainab72/status/1742257340362170820

 

माना जाता है कि लेबनान के हिज्बुल्लाह को उन्होंने सैन्य सहायता प्रदान की थी। अहम बात ये भी है कि ईरान में हुए हमले ऐसे समय में हुए हैं जब लेबनान की राजधानी बेरूत में फिलिस्तीनी आतंकी समूह हमास का उप-प्रमुख मारा गया है। हिज्बुल्लाह ने इस ड्रोन अटैक की पुष्टि की है। इस हमले में हमास का नंबर-2 सालह अल अरूरी मारा गया है। वह ईरान का सहयोगी रहा था।

आईएसआईएस के खिलाफ युद्ध

सुलेमानी को 2012 में सीरिया के गृह युद्ध के दौरान आईएसआईएस और उसके अपराधियों के खिलाफ ईरान के अभियान छेड़ने और सीरियाई सरकार को मजबूत करने में मदद के लिए जाना जाता है। सुलेमानी ने शिया मिलिशिया और इराकी सरकार के संयुक्त बलों की भी सहायता की थी। जिसने ISIS के खिलाफ 2014-2015 में युद्ध छेड़ दिया था।

अमरीका ने घोषित किया था आतंकी

अमरीका ने कासिम सुलेमानी और कुद्स फोर्स को सैकड़ों अमरीकी नागरिकों की मौत का जिम्मेदार करार दिया था। अमरीका ने सुलेमानी को आतंकवादी करार कर मौत के घाट उतार दिया था। जानकारी के अनुसार, उनके अंतिम संस्कार समारोह के दौरान भयंकर भीड़ हो गई थी, जिसमें 56 लोग मारे गए थे। ईरान के सांसद हुसैन जलाली ने बुधवार को हुए आतंकी हमलों के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है।

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Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Jan 03, 2024 09:18 PM

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