UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां की तबादला याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने अनुभवी समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और दो अन्य की ओर से दायर याचिका पर आदेश जारी किया।
याचिका में आजम खां ने मांग की कि उनके खिलाफ छह मामलों की सुनवाई रामपुर के बजाय दूसरे जिले की अदालत करे। इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने सपा नेता द्वारा उनके खिलाफ एक अन्य मामले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर जवाबी हलफनामा दायर किया। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकारी वकील द्वारा दाखिल किए गए पहले जवाबी हलफनामे को वापस लेने की एक और याचिका को स्वीकार कर लिया।
आजम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार से किया था इनकार
इससे पहले, जनवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें उनके खिलाफ कुछ मामलों को उत्तर प्रदेश से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने खान को संबंधित उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा था और निर्देश दिया कि उनकी याचिका पर तेजी से सुनवाई की जाए।
बता दें कि आजम खान को अभद्र भाषा, भ्रष्टाचार और चोरी सहित लगभग 90 मामलों का सामना करना पड़ रहा था। राज्य विधानसभा सचिवालय ने पहले अक्टूबर में, एक अदालत द्वारा नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद खान की सदन से अयोग्यता की घोषणा की।
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2019 में भी आजम के खिलाफ दर्ज किया गया था मामला
खान के खिलाफ अप्रैल 2019 में एक चुनावी सभा के दौरान रामपुर में तैनात प्रशासनिक अधिकारियों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाने के लिए मामला दर्ज किया गया था।
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान खान पर मिलक कोतवाली क्षेत्र के खटानगरिया गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया था।